नई दिल्ली । दिल्ली के तीनों नगर निगम अगर एक होते हैं तो वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया जाएगा, जिसके लिए राजनीतिक दलों ने नए सिरे से रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। वार्ड परिसीमन आबादी के हिसाब से किया जाता है। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, अभी 18 अप्रैल तक चुनाव कराने की घोषणा की जा सकती है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव तय समय पर होने हैं या नहीं, यह अब तक तय नहीं किया गया है। अभी 18 अप्रैल तक इंतजार किया जा रहा है। अगर उससे पहले तीनों निगमों को एक करने पर फैसला नहीं लिया जाता है तो चुनाव तय समय पर कराए जाएंगे। दिल्ली में 22 मई तक निगम चुनाव पूरे कराए जाने हैं। इसके लिए अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। परिसीमन का अर्थ है चुनाव से पहले सीमाओं का निर्धारण करना। परिसीमन को किसी देश या राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा या सीमा तय करने का कार्य या प्रक्रिया को कहा जाता है। यह कवायद पूरी होने के बाद चुनाव कराए जाते हैं। परिसीमन आयोग को सीमा आयोग भी कहा जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का सही विभाजन करना है, जिससे सभी नागरिकों को प्रतिनिधित्व करने का समान अधिकार मिल सके। दिल्ली नगर निगम अनुसूचित जाति वाले वार्ड का परिसीमन उनकी आबादी के हिसाब से तय किया जाता है। अभी दिल्ली में तीन निगम हैं। तीनों निगमों में वहां की एससी आबादी तय करती है। उन्होंने बताया कि जैसे पूर्वी दिल्ली में 64 वार्ड हैं, पर यहां के 20 फीसदी वार्ड आरक्षित हैं, जबकि दक्षिण निगम में 104 वार्ड हैं पर 15 फीसदी आरक्षण हैं। तीन निगम एक होंगे तो दोबारा परिसीमन किया जाएगा।
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दिल्ली के तीनों नगर निगमों का एकीकरण हुआ तो वार्डों का फिर होगा परिसीमन