नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने दावा किया है कि उन्हें संसद में प्रधानमंत्री कार्यालय के यूट्यूब चैनल से जुड़ा सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी गई। उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया कि क्या प्रधानमंत्री कार्यालय के यूट्यूब चैनल के कंटेन्ट को मोनेटाइज्ड किया जा रहा था? इस बारे में संसद में सवाल करने की अनुमति नहीं मिली। चिदंबरम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री के यूट्यूब चैनल के बारे में मेरे प्रश्न को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया है कि यह प्राथमिक रूप से भारत सरकार की चिंता नहीं है। यह चौंकाने वाली बात है कि देश के प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक चैनल को लेकर सरकार चिंता नहीं करती है। तीन-हिस्से वाले सवाल में, चिदंबरम ने पूछा कि क्या पीएमओ चैनल पर कंटेन्ट को मोनेटाइज्ड किया गया था, क्या इससे किसी तरह का राजस्व मिला था और क्या चैनल पर विज्ञापनों को चलाने की अनुमति दी गई थी, और क्या इनकी स्क्रीनिंग की जा रही थी? उन्होंने केंद्र सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी थी।
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पीएमओ के यूट्यूब चैनल को लेकर संसद में नहीं करने दिया गया सवाल