कीव। कीव और मारियुपोल पर रूस की बढ़ती बमबारी के बाद भी यूक्रेन ने कहा कि उसे रूस के साथ वार्ता में समझौते की गुंजाइश नजर आती है। इस बीच, रूसी सेना से घिरे यूक्रेन के मारियुपोल से एक मानवीय गलियारे के जरिए करीब 20,000 लोगों ने बंदरगाह शहर छोड़ दिया। अभी तक इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने वहां से पलायन नहीं किया था। इस बीच, देश छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई। यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के बीच मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई वार्ता के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार तड़के कहा कि रूस की मांगें अपेक्षाकृत अधिक वास्तविक हो रही हैं। दोनों पक्षों के बीच बुधवार को फिर से वार्ता होने की उम्मीद है।
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘प्रयासों की अब भी आवश्यकता है, संयम बरतने की जरूरत है। कोई भी युद्ध समझौते से ही खत्म होता है।’’ उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ‘‘यूक्रेन के सभी मित्रों’’ को 13.6 अरब डॉलर की नई सहायता के लिए धन्यवाद दिया। जेलेंस्की के बुधवार को अमेरिकी संसद को संबोधित करने की संभावना है। उन्होंने और हथियार मुहैया कराने, रूस को सजा देने के लिए उस पर और प्रतिबंध लागू करने तथा ‘‘यूक्रेन के ऊपर हवाई क्षेत्र को रूसी मिसाइलों एवं विमानों के लिए बंद’’ करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा कि रूसी सेना मंगलवार को यूक्रेनी क्षेत्र में और अंदर तक जाने में असमर्थ रही, लेकिन शहरों पर भारी गोलाबारी जारी है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को 28,893 नागरिक नौ मानवीय गलियारों के माध्यम से बाहर निकालने में समर्थ रहे, लेकिन रूसियों ने मारियुपोल में सहायता पहुंचाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहीं, रूसी बलों ने कीव पर बमबारी तेज कर दी और एक अपार्टमेंट, एक सबवे स्टेशन और अन्य असैन्य स्थलों को नष्ट कर दिया। वहीं, कीव में भोर से पहले भीषण विस्फोट किए गए। यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे तोपों से किया गया हमला बताया। कीव पर रूस का हमला अधिक व्यवस्थित होता प्रतीत हो रहा है। कूटनीतिक मोर्चे पर, एक शीर्ष यूक्रेनी वार्ताकार एवं राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोदोलियाक ने रूस के साथ ताजा वार्ता को ‘‘बहुत मुश्किल एवं कठिन’’ बताया और कहा कि दोनों पक्षों के बीच ‘‘मूलभूत विरोधाभास’’ है। उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘समझौते की निश्चित तौर पर गुंजाइश है।’’ इससे पहले, जेलेंस्की के वरिष्ठ अधिकारी (डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ) इहोर झोव्कवा ने कहा था कि रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधियों के बीच बातचीत ‘‘अधिक रचनात्मक’’ हो गई है। उन्होंने कहा कि रूस ने अपना सुर बदला है और उसने यूक्रेन से आत्मसमर्पण करने की मांग करना बंद कर दिया है। झोव्कवा ने कहा था कि वार्ता के बाद यूक्रेनी प्रतिनिधियों को समाधान निकलने की कुछ उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग 20,000 लोग ज़ापोरिज्जिया शहर की ओर जाने वाले मानवीय गलियारे के माध्यम से 4,000 निजी वाहनों में मारियुपोल छोड़ने में कामयाब रहे। इस बीच, पोलैंड, चेक गणराज्य और स्लोवेनिया के नेता युद्धग्रस्त देश के प्रति मजबूत समर्थन दिखाने के लिए यूरोपीय संघ के मिशन पर कीव पहुंचे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को वार्ता से पहले कहा था कि रूस अपनी इस मांग पर जोर देगा कि यूक्रेन, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़ दे। मॉस्को के साथ समझौता का संभावित आधार मुहैया कराते हुए जेलेंस्की ने लंदन में एकत्र यूरोपीय नेताओं से कहा कि उन्हें लगता है कि नाटो का यूक्रेन को स्वीकार करने का कोई इरादा नहीं है। जेलेंस्की ने कहा था, ‘‘हमने नाटो के खुले दरवाजों के बारे में वर्षों से सुना है’’, लेकिन हमने यह भी सुना है कि ‘‘हम इन दरवाजों के जरिए उसमें प्रवेश नहीं कर सकते।’’ इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि यूक्रेन में जारी युद्ध में करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है।
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मानवीय गलियारे से करीब 20,000 लोग मारियुपोल छोड़कर गए -यूक्रेन को समझौते की उम्मीद, दोनों पक्षों में बुधवार को फिर हो सकती है वार्ता -जेलेंस्की ने आज तड़के कहा-रूस की मांगें अपेक्षाकृत अधिक वास्तविक हो रही हैं