नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट नहीं चाहता है। चीफ जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने पटना हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए कहा, 'कृपया इस अदालत में सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट नहीं दें। हम यहां कोई भी सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट नहीं चाहते हैं। इस पीठ में चीफ जस्टिस के अलावा, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली भी हैं। यह टिप्पणियां इसलिए अहम हैं, क्योंकि कई न्यायविदों और शिक्षाविदों ने अतीत में पूर्व प्रधान न्यायाधीशों के कार्यकाल के दौरान संवेदनशील मामलों में सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट दायर करने की प्रथा पर ऐतराज़ जताया है। सुप्रीम कोर्ट उस व्यक्ति की अपील पर सुनवाई कर रही थी जो न्यायाधीश के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के आरोप में जेल में है। पीठ ने कहा कि व्यक्ति को अब ज़मानत दे दी गई है और मामले को वापस हाई कोर्ट भेजा जा सकता है। पटना हाई कोर्ट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि अगर इजाजत हो तो बिहार सरकार सील बंद लिफाफे में एक रिपोर्ट दायर कर सकती है जिसमें व्यक्ति के बयान होंगे।
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हम सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट नहीं चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत