नई दिल्ली। कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-21 समूह के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में हुई कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद जी-21 समूह के नेताओं की यह पहली बैठक है। इस बैठक में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, भूपिंदर हुड्डा, अखिलेश प्रताप सिंह और पृथ्वीराज चव्हाण जैसे कई दिग्गज नेताओं ने शिकरत की। जानकारी के मुताबिक यह बैठक पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के आवास पर प्रस्तावित थी, लेकिन फिर इसकी जगह बदल दी गई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व के बारे में कपिल सिब्बल की टिप्पणी के बाद पार्टी नेताओं में फैली नाराजगी को देखते हुए बैठक का स्थान बदला गया। सूत्रों के मुताबिक जी-21 समूह के अन्य नेताओं ने बैठक के लिए स्थान बदलने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वे कांग्रेस आलाकमान को यह संकेत नहीं देना चाहते थे कि वो कपिल सिब्बल की टिप्पणी का समर्थन करते हैं। बैठक में जी-21 ने सामूहिक और समावेशी नेतृत्व पर जोर दिया गया।
जी-21 समूह के असंतुष्ट खेमे के नेताओं की यह बैठक पार्टी की अंतरिम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति की हुई बैठक के बाद हो रही है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजे पार्टी के लिए 'गंभीर चिंता का विषय' हैं। समीति के उस बयान में आगे कहा गया, "कांग्रेस पार्टी आज देश में व्याप्त राजनीतिक सत्तावाद के खिलाफ लाखों भारतीयों की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व करती है और पार्टी अपनी अपार जिम्मेदारी के प्रति पूरी तरह से जागरूक है।" कांग्रेस का जी-23 समूह अब जी-21 के नाम से जाना जाता है क्योंकि पहले इस गुट में 23 नेता थे, जो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को पूरी तरह से बदलने की मांग कर रहे थे। इस गुट के कांग्रेसी नेताओं ने आंतरिक चुनावों के जरिए पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति की भी मांग की थी। यूपी के दो बड़े नेताओं जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह द्वारा पार्टी छोड़े जाने के बाद जी-23 गुट घटकर जी-21 हो गया था। विवेक तन्खा को छोड़कर किसी नेता ने कोई बयान नहीं दिया। विवेक तन्खा ने कहा कि यह बैठक कोई विद्रोह के तौर पर नहीं थी, बल्कि दोस्तों के साथ साधारण डिनर था। बैठक के बाद एक संक्षिप्त बयान भी जारी किया गया। बयान में सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की बात कही गई। साथ ही इसमें पार्टी को भाजपा से मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने की समझाइश दी गई।
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जी-21 ने सामूहिक और समावेशी नेतृत्व पर दिया जोर -सिब्बल की जगह गुलाम नबी आजाद के घर हुई बैठक