नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के 10वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर कहा कि हम सब के लिए यह खुशी का विषय है, कि प्राधिकरण अपना 10वां स्थापना दिवस मना रहा है। गृह मंत्रालय के अधीन जितने भी उपक्रम हैं, उसमें सबसे कम आयु लैंड पोर्ट अथारिटी की है। बावजूद इसके लैंड पोर्ट अथारिटी ने अपने मकसद की पूर्ति के लिए बहुत बड़ी यात्रा पूरी की है जो सराहनीय है।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि यदि हम देश के भूगोल और इतिहास का बारीकी से अध्ययन करें, तब पाते हैं, कि समूची दुनिया में भारत ऐसा मुल्क है जो भू-संस्कृति से संपन्न देश है। दुनिया के बाकी देश भू-राजनीतिक देश हैं। भारत में विविध भाषाएं और संस्कृति है। एक समान संस्कृति के कारण भारत एक देश बना है। आजादी के बाद भूमि मार्गों पर जो ध्यान होना चाहिए था, तब नहीं दिया गया लेकिन जब इस पर ध्यान गया तब प्राधिकरण की स्थापना हुई।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्राधिकरण ने 10 साल में ही 75 साल की कमी को पूरा करने का काम किया है। प्राधिकरण ने इसके लिए बहुत बड़ी यात्रा पूरी की है। प्राधिकरण ने सुरक्षा के साथ समझौता किए बगैर देश के अर्थतंत्र को गति देने का काम किया है। यही नहीं पड़ोस के देशों में व्यापार बढ़ाने के साथ संस्कृति के आदान प्रदान का काम भी प्राधिकरण ने किया है। दो देशों के लोगों के बीच संवाद का माध्यम भी प्राधिकरण बना है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि हम सात देशों (चीन, पाकिस्तान, भूटान, म्यांमार, अफगानिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश) के साथ अपनी भूमि सीमाओं पर विभिन्न चुनौतियों और अवसरों का सामना करते हैं। इसमें हमारे व्यापार गलियारे बहुत जरूरी हैं। इसमें प्राधिकरण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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लैंड पोर्ट अथारिटी ने 75 सालों का काम 10 साल में कर दिया : शाह