YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

 प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा के करीबी को राज्यसभा चुनाव में उतारने को लेकर कांग्रेस में बवाल 

 प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा के करीबी को राज्यसभा चुनाव में उतारने को लेकर कांग्रेस में बवाल 

नई दिल्ली । देश में हालही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी पराजय का सामना कर चुकी कांग्रेस में अब केरल की एकमात्र राज्यसभा सीट को लेकर बवाल मचा है दरअसल यहां पर कांग्रेस जीतने की स्थिति में है और उसके लिए हाईकमान ने पार्टी के सचिव श्रीनिवासन कृष्णन को मनेनीत कर दिया है। इसे लेकर स्टेट यूनिट में असंतोष फैल गया है। प्रदेश यूनिट के नेता इससे खफा हैं और उनकी ओर से लीडरशिप को कहा गया है कि वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। स्टेट यूनिट की ओर से कहा गया है कि उनकी ओर से भेजे गए प्रस्ताव को महत्व दिया जाना चाहिए था। प्रदेश अध्यक्ष के। सुधाकरण ने पार्टी लीडरशिप से कहा है कि उनकी इच्छा है कि किसी युवा नेता को मौका मिले। 
स्टेट यूनिट की ओर से एम। लिजू का नाम सुझाया गया था, जो यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। फिलहाल उनके पास अलपुझा जिले के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी है। सुधाकरण ने कहा कि हाईकमान की ओर से शुक्रवार को यह फैसला लिया गया था। इस फैसले के खिलाफ के सुधाकरण की राय का राज्य के कई और नेता भी समर्थन कर रहे हैं। बीते सप्ताह ही राज्यसभा सीट पर दावे के लिए सीनियर लीडर केवी थॉमस ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। लेकिन स्टेट यूनिट का कहना था कि किसी युवा नेता को मौका मिलना चाहिए। 
एक प्रस्ताव यह भी था कि किसी महिला नेता को उच्च सदन में भेजा जाए। इसकी वजह यह है कि केरल से बीते 5 दशकों में कोई महिला नेता राज्यसभा में नहीं रही है। लेकिन 58 वर्षीय श्रीनिवास कृष्णन के प्रस्ताव को लेकर नेताओं में रोष है। कृष्णन को प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी माना जाता है। हाईकमान की ओर से उनके नाम का सुझाव दिया गया, जिस पर स्टेट यूनिट ने गहरी आपत्ति जाहिर की है। केरल के त्रिशूर के रहने वाले कृष्णन तेलंगाना के प्रभारी हैं और रॉबर्ट वाड्रा के मालिकाना हक वाली कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का भी हिस्सा हैं। 
एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'ऐसा लगता है कि पार्टी अब भी गलतियों से सीखना नहीं चाहती है। हम अब नॉमिनेशन की पॉलिटिक्स नहीं चलने देंगे। राज्य के किसी नेता को राज्यसभा में भेजना चाहिए। किसी भी नॉमिनेटेड नेता को यह मौका नहीं मिलना चाहिए।' यहां तक कि सीनियर लीडर के। मुरलीधरण ने तो इसके खिलाफ सोनिया गांधी को खत ही लिख दिया है। उन्होंने चिट्ठी में कहा कि ऐसे नेता को राज्यसभा में नहीं भेजना चाहिए, जो विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में हार चुका हो।
 

Related Posts