वाशिंगटन। रूस यूक्रेन युद्ध के लंबे खिचने के कई प्रभाव दिख रहे हैं। जैसे जैसे यह संघर्ष लंबा हो रहा है, तीसरे विश्व युद्ध के होने के साथ परमाणु हमले की भी आशंकाएं जताई जाने लगी है। इतना ही नही यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों पर हमला होने या फिर वहां किसी हादसे की वजह से रेडियोएक्टिव विकिरण होने का खतरा भी दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। संघर्ष का अंतराल लंबा होने से अमेरिका और यूरोप में पोटैशियम आयोडाइड की दवा की भी मांग में चौकाने वाला इजाफा हो गया है। परमाणु हमले के होने की स्थिति में या फिर परमाणु संयंत्रों के क्षतिग्रस्त होने से हवा में रेडियोएक्टिव आयोडीन फैल जाएगा। ऐसे में संभव है कि यह आयोडीन फेफेड़ों या फिर थायराइड ग्रंथि द्वारा अवशोषित कर लिया जाए जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक हो जाएगा।
पैटेशियम आयोडाइड पैटेशियम और आयोडीन के तत्वों से मिलकर बनता है, जिसे रासायनिक रूप से केI के रूप में लिखा जाता है। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार, पोटेशियम आयोडाइड आयोडीन का एक नमक है जो थायराइड ग्रंथि को रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशोषित करने से रोकता है इस तरह से वह ग्रंथि में विकिरण के घाव होने से रोकता है। थायराइड ग्रंथि मानव शरीर में बहुत सारे ऐसे हारमोन पैदा करती है जो शरीर को नियंत्रित करते हैं। रेडियोधर्मी आयोडिन थायराइड ग्रंथि में घाव होता है और इससे कैंसर तक हो सकता है। सीडीसी का यहां तक कहना है कि आमतौर पर जो नमक घरों में खाने के लिए उपयोग में लाया जाता है उसमें इतना आयोडीन नहीं होता है जो रेडियोएक्टिव आयोडीन को थायराइड ग्रंथि में आने से रोकने के लिए काफी रहे। इसी लिए इस बात का अनुमोदन किया जाता है कि खाने में सामान्य नमक की जगह पोटैशियम आयोडाइड का उपयोग किया जाए।
दरअसल थाइराइड ग्रंथि साधारण नमक और रेडियोधर्मी आयोडीन में अंतर नहीं कर पाता है और वह दोनों का ही अवशोषण कर लेते है। लेकिन सीडीसी का कहना है कि पोटैशियम आयोडाइड रेडियोधर्मी आयोडीन को थायराइड में जाने से रोक लेता है। केआई खाने से थायराइड दवा का स्थिर आयोडिन अवशोषित करता है। इससे थायराइड ग्रंथि में इतना ज्यादा आयोडीन हो जाता है जिससे वह अगले 24 घंटे में और आयोडीन अवशोषित ही नहीं कर पाता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका तक में इस दवा के दाम बढ़ गए हैं। रूस के यूक्रेन में हमले के बाद से थायरोसेफ पोटैशियम आयोडाइड के दाम बढ़ा दिए गए हैं। वहीं लंदन की बीटीडी स्पेशियलिटी फार्मस्यूटिक्ल्स का भी कहना है कि वह अमेरिका में पोटैशियम आयोडाइड संबंधी दवा की मांग बढ़ गई है। यह दहशत अमेरिका ही नहीं बल्कि यूरोप में भी देखने को मिल रही है।
यूरोप के कई देशों में इस तरह की दवा की जमाखोरी देखने को मिल रही है। बेल्जियम में 3 हजार नागरिक फार्मेसी की दुकान पर इस दवा के लिए पहुंच चुके हैं। युद्ध शुरू होने के बाद से फिनलैंड में ही पोटैशियम आयोडीन दवाओं की मांग सौ गुना बढ़ गई है। इस दवा को तभी लेने की सलाह दी जाती है जब वास्तव में विकिरण से किसी तरह का सामना होने जा रहा हो। सीडीसी की वेबसाइड का कहना है कि इस दवा का ज्यादा मात्रा में लेने से ज्यादा सुरक्षा मिल जाएगी ऐसा बिलकुल नहीं है। बल्कि दूसरी तरह इससे गंभीर बीमारी यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
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रूस यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका यूरोप में खूब बिक रही पोटैशियम आयोडाइड दवा -हो गया है पोटैशियम आयोडाइड की दवा की मांग में भी चौकाने वाला इजाफा