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आचार संहिता लागू होने से ओटीटी क्षेत्र में अनुशासन आया : सहाय

आचार संहिता लागू होने से ओटीटी क्षेत्र में अनुशासन आया : सहाय

दुबई । सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने कहा कि समाचार प्रकाशकों, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता ने इस क्षेत्र में बहुत अनुशासन लाने में मदद की है। एक्सपो-2020 दुबई के दौरान भारत दीर्घा में समाचार प्रसारण पर एक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहाय ने कहा भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म शुरू करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। 
उन्होंने कहा भारत में करीब 40-50 ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, उनमें से किसी को भी पंजीकरण कराने या पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नहीं हुई। वे सभी अपने कारोबारी मॉडल और योजनाओं के आधार पर अपने तरीके से आगे बढ़े हैं। सहाय ने कहा कि न केवल नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म बल्कि घरेलू स्तर पर बहुत सारे ओटीटी चैनल सामने आए हैं, जिनमें क्षेत्रीय भाषाओं के चैनल भी शामिल हैं। केवल दिखाई जाने वाली सामग्री पर हमारे पास एक आचार संहिता है जिसे हमने एक साल पहले तैयार किया है। 
पिछले साल, भारत सरकार ने कहा था कि समाचार प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण तंत्र लागू किया जाएगा। ऐसे मंच के लिए एक ‘सॉफ्ट टच’ नियामकीय ढांचा स्थापित करने पर जोर देते हुए सरकार ने कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो) को दिखाई जाने वाली सामग्री को आयु आधारित पांच श्रेणियों- यू (यूनिवर्सल), यू/ए 7प्लस वर्ष, यू/ए 13 प्लस, यू/ए 16 प्लस, और ए(वयस्क) में खुद से वर्गीकृत करना होगा।
उन्होंने कहा संहिता ने पूरे ओटीटी क्षेत्र में बहुत अधिक आत्म-अनुशासन लाया है। कुल मिलाकर, वे इसके बारे में काफी खुश हैं। संयुक्त सचिव ने कहा कि बहुत से देश भारत के नियामक ढांचे को समझने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे इस क्षेत्र के लिए अपने यहां संहिता बना सकें। उन्होंने कहा पिछले साल फरवरी में हम डिजिटल समाचार प्रकाशन और ओटीटी सामग्री के लिए नियम लाए थे। नवंबर में बांग्लादेश ने अपना मसौदा ओटीटी नियमों को जारी किया, जो 98 प्रतिशत भारतीय संहिता पर आधारित था। यह कुछ ऐसा है, जिसका अन्य देश अनुकरण करना चाहेंगे। 
भारत के राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन के महत्व को रेखांकित करते हुए दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक कुमार अग्रवाल ने कहा कि टीवी चैनल विश्वसनीय और प्रामाणिक समाचारों का प्रतीक था, खासकर जब 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी फैल गई। 
 

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