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पंजाब के बाद ‘आप’ की नजर राजस्थान पर टिकी, 2023 के लिए अभी से मोर्चाबंदी शुरू

पंजाब के बाद ‘आप’ की नजर राजस्थान पर टिकी, 2023 के लिए अभी से मोर्चाबंदी शुरू

नई दिल्ली । पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का किला ढ़हाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) अन्य राज्यों में भी विस्तार करने की तैयारी में है। आप ने गुजरात, हिमाचल के साथ राजस्थान में अपने संगठन को मजबूत करने की तैयारी शुरू की है, जहां 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। इस सिलसिले में 26 मार्च को राजस्थान के पार्टी प्रभारी संजय सिंह राजस्थान की यात्रा पर भी जा रहे हैं। आप नेता देवेंद्र शास्त्री ने बताया, ‘राजस्थान में काफी परिस्थितियां पंजाब जैसी ही हैं। पंजाब का यह पड़ोसी राज्य उसी की तरह अब तक दो पार्टियों के बीच ही झूल रहा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस। लोगों के पास चुनाव के लिए तीसरा कोई प्रभावी विकल्प ही नहीं है। इसीलिए हमें अपने लिए संभावनाएं बेहतर नजर आ रही हैं।’ बताते हैं कि सिंह की यात्रा के दौरान सदस्यता अभियान तेज करने, जिला इकाईयों के पुनर्गठन आदि की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही, इस पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि पार्टी राजस्थान की सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़े या कुछ चुनिंदा इलाकों से ही। सूत्र यह भी बताते हैं कि संजय सिंह राजस्थान प्रभारी के तौर पर अपनी जिम्मेदारी छोड़ सकते हैं। ताकि वे पूरी तरह उत्तर प्रदेश पर ध्यान दे सकें। उनकी जगह पार्टी एक बजाय दो-तीन नेताओं को राजस्थान का प्रभारी बना सकती है।
गौरतलब है कि आप इन दिनों पंजाब में मिली सफलता को उसके एक अन्य पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी भुनाने की कोशिश में है। वहां इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। साथ ही गुजरात में भी। खबरें हैं कि इन दोनों राज्यों में पार्टी अन्य दलों के कुछ असरदार नेताओं को भी अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी इस सिलसिले में दोनों प्रमुख दलों के असंतुष्ट नेताओं से खास तौर पर संपर्क साध रही है। साथ ही हिमाचल प्रदेश में नगर निगम चुनाव में उतरने की तैयारी भी कर रही है। जबकि गुजरात में वह सूरत जैसे बड़े नगर निगम में तो 25 सीटें जीतकर अपनी आमद भी दे चुकी है। यहीं यह भी बताते चलें कि 2018 में भी आप ने जोर-शोर से राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ा था। तब उसने 200 में से 140 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन जीत किसी में नहीं पाई थी।
 

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