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मार्क्सवादी के कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का फैसला सोनिया करेगी 

मार्क्सवादी के कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का फैसला सोनिया करेगी 

नई दिल्ली । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 23वें पार्टी कांग्रेस से जुड़े किसी भी सेमिनार में कांग्रेस का नेता शामिल नहीं होगा। कांग्रेस ने कन्नूर में अगले महीने होने वाले वाम दल के कार्यक्रम में किसी भी कांग्रेस नेता के शिरकत करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पार्टी का कहना हैं, कि अगर कोई नेता बैन के खिलाफ जाकर सेमिनार में भाग लेता है, तब उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, माकपा ने कदम को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा है।रिपोर्ट के अनुसार, माकपा ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस को सेमिनार में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। इस दौरान दोनों नेताओं को राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करनी थी। एक ओर जहां थरूर को धर्मनिरपेक्षता और चुनौतियां, तब थॉमस को राज्य और केंद्र नेतृत्व पर बोलने के लिए बुलाया गया था।
कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख के सुधाकरण ने कहा कि पार्टी ने सांसदों समेत सभी नेताओं को इस संबंध में निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा, अगर कोई नेता माकपा के सेमिनार में भाग लेता है, तब उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पार्टी के केरल प्रमुख ने कहा कि जब माकपा प्रस्तावित सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के नाम पर लोगों पर अत्याचार कर रही है, तब अगर नेता इसतरह के किसी सेमिनार में भाग लेते हैं,तब यह कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपमान की भावना तैयार करेगा। उन्होंने जानकारी दी कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए सेमिनार में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
वहीं कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि उन्हें किसी प्रतिबंध के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, अगर पार्टी की तरफ से ऐसा कोई निर्देश है, तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक के बाद सेमिनार में शामिल होने को लेकर फैसला लिया जाएगा। 
थरूर ने कहा, यह न्यौता राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए है और मैं कहूंगा कि चिताओं को गंभीरता से लेना जरूरी है और मैं पार्टी हाईकमान की तरफ से निर्देशों का इंतजार करूंगा। आमंत्रमण में केरल से जुड़ा कुछ भी नहीं है। जबकि, थॉमस का कहना है कि पार्टी आलाकमान तय करेगी कि उन्हें सेमिनार में शामिल होना है या नहीं।माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि यह बैन कांग्रेस की 'राजनीतिक गरीबी' को दिखाता है। 
 

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