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 हिमाचल प्रदेश से भाजपा प्रत्‍याशी सिकंदर चौहान का चुना जाना तय -कांग्रेस की ओर से चुनाव के लिए नहीं उतारा जाएगा कोई प्रत्याशी 

 हिमाचल प्रदेश से भाजपा प्रत्‍याशी सिकंदर चौहान का चुना जाना तय -कांग्रेस की ओर से चुनाव के लिए नहीं उतारा जाएगा कोई प्रत्याशी 

शिमला। हिमाचल प्रदेश से डॉक्टर सिकंदर चौहान का राज्यसभा सांसद बनने का रास्ता लगभग साफ है। कांग्रेस की ओर से चुनाव के लिए कोई प्रत्याशी नहीं उतारा जाएगा। इस कारण चौहान निर्विरोध चुने जाएंगे। सिकंदर चौहान नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है और उनके अलावा किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। औपचारिकता पूरी करने के बाद उनके निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा 24 मार्च को की जाएगी। राज्यसभा की सीट दो अप्रैल को कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कार्यकाल पूरा होने पर खाली हो रही है। अब एचपीयू के पूर्व वीसी के सिकंदर चौहान के चुने जाने के बाद तीनों सीटें भाजपा के पास रहेंगी। इससे पहले यहां से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और इंदु गोस्वामी राज्यसभा सदस्य हैं। चौहान ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया है।
  सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर ने उनके चयन के लिए पीएम मोदी समेत तमाम शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया। सीएम ने कहा कि प्रो सिकंदर एक साधारण और गरीब परिवार से संबंध है और कड़े संघर्ष के बाद वाइस चांसलर के पद पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रो सिकंदर अनुसूचित जाति वर्ग से हैं और इन्होंने इस वर्ग के लिए बहुत कार्य किया है। पूर्व में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उस दौरान भी बेहतरीन कार्य किया है। सीएम ने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के नजरिए दर्शाता है कि टिकट न मांगने के बावजूद पार्टी ने टिकट दी। सीएम ने उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रो सिंकदर ने पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं, सीएम जयराम ठाकुर समेत पार्टी से जुड़े सभी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही बता पाएंगे कि किन विषयों को लेकर आगे बढ़ेंगे।
सिकंदर चौहान हमीरपुर जिले कांगो डगोह से हैं। उन्होंने कांगू के स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। फिर हमीरपुर कॉलेज से बीए की। बाद में एचपीयू में दाखिला लिया और यहां पर इकॉनोमिक्स में एमफिल और पीएचडी की। बाद में एचपीयू में बतौर प्रोफेसर सेवाएं देना शुरू की। वह भाजपा के एससी मोर्चा अध्यक्ष भी रहे। सिकंदर चौहान के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। पत्नी लेक्चरर हैं। बड़े बेटे निखिलेस ने इंजीनियरिंग की है। वहीं छोटे बेटे कंप्यूटर साइंस में एमबीए हैं। सिकंदर चौहान के पिता भारतीय सेना में हवलदार के पद से रिटायर हुए थे। साल 1999 में उनकी मौत हो गई थी।
 

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