सरकार ने मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को सरल बनाने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है। मैं इस लाभ को और बेहतर करने का प्रस्ताव करती हूं जिससे भारत को विदेशी निवेश के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके। सरकार विमानन, मीडिया, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी जाएगी। साथ ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय खरीद के नियमों में ढील दी जाएगी। अभी एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें बीमा ब्रोकिंग, बीमा कंपनियां, तीसरा पक्ष प्रशासक (टीपीए), सर्वेयर और नुकसान आकलनकर्ता शामिल हैं। सरकार से मांग की गई थी कि बीमा ब्रोकरों को 100 प्रतिशत एफडीआई मंजूरी वाली अन्य वित्तीय क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों की तरह ही माना जाए। देश में 2015 तक बीमा की पहुंच 3.4 प्रतिशत आबादी तक थी जबकि इसका वैश्विक औसत 6.2 प्रतिशत है।