वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत, स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को साकार करने के लिए क्वाड में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, मुक्त एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप तथा सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा यह एक द्विपक्षीय संबंध है, जो पिछले 25 वर्षों में कई मायनों में गहरा हुआ है। यह द्विपक्षीय आधार पर ही संभव हो पाया है।
प्राइस ने कहा यह जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन की विरासत का एक हिस्सा है, जहां हमने अमेरिका और भारत के बीच इस द्विपक्षीय संबंध को विकसित होते देखा है और हमारे रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों सहित कई क्षेत्रों में यह संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि हम भारत के भागीदार हैं। जब हम एक स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा किए गए मूल्यों की बात करते हैं तो हम भारत के भागीदार हैं। हमने अपनी रक्षा तथा सुरक्षा के संदर्भ में इस संबंध में निवेश किया है। इसलिए ऐतिहासिक संबंधों के साथ ही अब हम भारत के पसंदीदा भागीदार हैं। प्राइस ने कहा कि क्वाड तथा द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में एक स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण को साकार करने के लिए भारत उनका एक आवश्यक भागीदार है।
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मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत अमेरिका का एक अहम भागीदार : नेड प्राइस