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126 वर्षीय स्वामी शिवानंद पद्मश्री से सम्मा‎नित  - स्वामीजी ने सादगी भरी और अनुशासित जिंदगी को बताया उनकी लंबी उम्र का राज 

126 वर्षीय स्वामी शिवानंद पद्मश्री से सम्मा‎नित  - स्वामीजी ने सादगी भरी और अनुशासित जिंदगी को बताया उनकी लंबी उम्र का राज 

नई दिल्ली । 126 वर्षीय स्वामी शिवानंद को योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। स्वामीजी ने पद्म पुरस्कार लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शाष्टांग प्रणाम किया। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नतमस्तक हो गए। तीन शताब्दियां देख चुके स्वामी शिवानंद को योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष भी नतमस्तक हो गए थे। उनके इस विनम्र स्वभाव वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने देखा और उनके सरल स्वभाव की सराहना की। स्वामी शिवानंद ने संयमित दिनचर्या और योग की मदद से इस उम्र में भी खुद को स्वस्थ रखा हुआ है। उन्हें न कोई बीमारी है और न ही कोई रोग है। योग के प्रति उनका समर्पण वास्तव में देश के करोड़ों लोगों को योग के लिए प्रेरित कर रहा है। स्वामी शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को हरिहर पुर गांव (जो अब बांग्लादेश में है) में हुआ था। निर्धन परिवार में जन्म होने के कारण 4 वर्ष की आयु तक वह केवल चावल का माड़ पीकर ही बड़े हुए। 6 वर्ष की आयु में उनके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया, जिसके बाद उनके रिश्तेदारों ने उन्हें ओंकारानंद गोस्वामी को सौंप दिया था, जिनसे उन्होंने दीक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह सदगुरु के साथ ही नवदीप धाम में रहने लगे।
स्वामी शिवानंद अभी भी एक किशोर की तरह फिट और तंदुरुस्त हैं। उनका जीवन किसी चमत्कार से कम नहीं है। उनकी लंबी आयु का राज बताते हुए उन्होंने कहा कि रोजाना योग करना, मसाले नहीं खाना और सेक्स से दूरी उनकी लंबी उम्र का राज है। सादगी भरी और अनुशासित जिंदगी जीता हूं। बेहद सादा भोजन करता हूं। जिसमें सिर्फ उबला खाना शामिल होता है। इसमें किसी भी तरह का तेल या मसाला शामिल नहीं होता। आम तौर पर मैं दाल चावल और हरी मिर्च खाता हूं। उन्होंने कहा कि वह चटाई पर सोते हैं। दूध और फलों का सेवन नहीं करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं पुराने ढंग से जीवन गुजारने में यकीन रखता हूं। पहले लोग कम चीजों के साथ खुश रहते थे वह संतोषी जीवन जीते थे। लेकिन आजकल लोग नाखुश हैं बीमार हैं और ईमानदारी भी कम बची है। इससे मुझे दु:ख होता है। मैं चाहता हूं कि लोग खुश रहें, स्वस्थ रहें और शांतिपूर्ण जीवन गुजारें। स्वामी के अनुयाई डॉ. एससी गराई ने कहा कि उनकी लाइफ स्टाइल, उनका चाल चलन खान पान देखने योग्य है। बाबा सुबह एक घंटा टहलते हैं व एक घंटा रोजाना योग करते हैं। सर्वांगासन, पवनमुक्त आसन, अर्धचंद्रासन के अलावा कई मुद्राओं को भी करते हैं। गहरी सांस लेने का अभ्यास, फ्री हैंड एक्सरसाइज करते हैं। दिन में सोते नहीं हैं। पूरे दिन एक्टिव रहते हैं मंत्रजाप करते हैं। गीतापाठ करते हैं चंडीपाठ करते हैं। नो डिजायर नो मनी नो डोनेशन का स्वामी शिवानंद का सभी को मैसेज है।
 

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