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सांसद वरुण गांधी ने रिटेल निवेशकों को हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर की 

सांसद वरुण गांधी ने रिटेल निवेशकों को हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर की 

मुंबई । शेयर बाजार पिछले कुछ सप्ताह से गिरावट की चपेट में है। चुनिंदा दिनों को छोड़ इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। बिकवाली के दौर से सबसे ज्यादा घाटे में रिटेल इन्वेस्टर्स रहे हैं। केंद्र से बगावती तेवर में चल रहे बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने रिटेल निवशकों को हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर है।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने आर्टिकल में लिखा है, कि रिटेल इन्वेस्टर्स बीते 3 सप्ताह में पूरे साल भर की कमाई गंवा चुके हैं। वरुण गांधी ने कहा है कि भारत के खुदरा निवेशक 15 लाख करोड़ रुपये गंवा चुके हैं।
वरुण कहते हैं कि रिटेल इन्वेस्टर्स को हुए नुकसान के तीन मुख्य कारण 'कमॉडिटीज की कीमतों में तेजी, सुस्त होती अर्थव्यवस्था और रूस-यूक्रेन की जंग' है। शेयर बाजार में नए जमाने की टेक कंपनियों के बुरे हाल का भी उन्होंने हवाला देकर कई गंभीर सवाल उठाए। बीते कुछ महीनों के दौरान आईपीओ लाकर बाजार में लिस्ट हुई कुछ कंपनियों का परफॉर्मेंस बेहद निराशाजनक रहा है। इसमें प्रमुख पेटीएम , जामैटो,नयाका, पॉलिसी बाजार जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कुछ के स्टॉक तो इश्यू प्राइस की तुलना में 75-80 फीसदी तक नीचे आ चुके हैं। 
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपनी बात रखकर पेटीएम का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि कंपनी को लगातार घाटा हो रहा है। आईपीओ के बाद से लगातार गिरते हुए इसके स्टॉक का भाव ठीक-ठाक नीचे आ चुका है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए लिखा कि ऐसी कंपनियों के प्रमोटर्स इन्वेस्टर्स के लिए वैल्यू छोड़ने का दावा करते हैं, जबकि इससे कइयों की वैल्यू का नुकसान हुआ है। दरअसल नायका की फाउंडर फागुनी नैयर ने लिस्टिंग के समय कहा था कि वे इन्वेस्टर्स के लिए टेबल पर पर्याप्त वैल्यू छोड़ रही हैं। हालांकि अभी इसकी पैरेंट कंपनी का शेयर अपने 52 सप्ताह के हाई की तुलना में करीब 40 फीसदी नीचे है।
वरुण गांधी ने आलेख में एनएसई को-लोकेशन स्कैम, एबीजी शिपयार्ड फ्रॉड, बैंकिंग फ्रॉड, ऐप से लोन आदि का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सेबी के कहने के बाद भी ज्यादातर कंपनियों ने चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर का पोस्ट अलग नहीं किया। इसके बाद सेबी को अपना फैसला वापस लेना पड़ गया। उन्होंने कहा कि मई-जून 2021 के दौरान करीब 50 हजार लोग 150 करोड़ रुपये का नुकसान मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम में उठा चुके हैं। इस तरह दिसंबर 2020 में लाखों इन्वेस्टर्स एग्री गोल्ड फार्म एस्टेट चिट फंड फ्रॉड में 6,300 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं।
 

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