नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों की जांच करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार चार राज्यों महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में पांच प्रतिशत दावों का सत्यापन कर सकती है, जहां दावों की संख्या और दर्ज की गई मृतक संख्या के बीच काफी अंतर था। शीर्ष अदालत ने उन लोगों के लिए 60 दिन की अवधि निर्धारित की, जो अनुग्रह मुआवजे के वास्ते आवेदन करने के लिए पात्र हैं और भविष्य में ऐसे आवेदन करने के लिए 90 दिन का समय निर्धारित किया। केन्द्र ने इससे पहले कोविड-19 के कारण किसी रिश्तेदार की मौत हो जाने पर प्रशासन से अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। वहीं, न्यायालय ने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी। उसने कहा था कि उसने सोचा भी नहीं था कि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है और उसे लगता था कि नैतिकता का स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता।
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कोरोना से मौत का झूठा दावा करने वालों की खैर नहीं: सुप्रीम कोर्ट