नई दिल्ली । पतंजलि आयुर्वेद समूह और उसकी अनुषंगी रुचि सोया का सम्मिलित वार्षिक कारोबार करीब 35,000 करोड़ रुपए है और यह अगले पांच वर्षों में भारत की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है। बाबा रामदेव ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पतंजलि आयुर्वेद अपने सभी खाद्य कारोबार को सूचीबद्ध इकाई रुचि सोया इंडस्ट्रीज में मिलाएगी। हमने पतंजलि आयुर्वेद और रुचि सोया को अगले पांच वर्षों में भारत की सबसे बड़ी खाद्य एवं एफएमसीजी कंपनी बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने दावा किया कि पतंजलि आयुर्वेद फिलहाल देश की दूसरी बड़ी खाद्य एवं एफएमसीजी कंपनी है। पतंजलि समूह की कई कंपनियों का आने वाले समय में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाया जाएगा लेकिन उन्होंने इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई। बाबा रामदेव ने समूह की मौजूदा राजस्व स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रुचि सोया को मिलाकर पतंजलि समूह का साझा कारोबार 35,000 करोड़ रुपए से अधिक है और यह खाद्य एवं एफएमसीजी क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है। वित्त वर्ष 2020-21 में पतंजलि समूह का कारोबार करीब 30,000 करोड़ रुपए था। समूह ने वर्ष 2019 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। पतंजलि और रुचि सोया के बीच किसी तरह की प्रतिस्पर्धा से इनकार करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि अगले कुछ महीनों में पतंजलि अपने सभी खाद्य कारोबार को रुचि सोया को सौंप देगी। उसके बाद पतंजलि आयुर्वेद गैर-खाद्य, परंपरागत औषधि कारोबार में भी सक्रिय रहेगी। उन्होंने कहा कि रुचि सोया खाद्य तेल, खाद्य एवं एफएमसीजी, पोषण और पाम उत्पादन कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी।
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पतंजलि का पांच साल में देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी बनने का लक्ष्य