नई दिल्ली । नीतीश कुमार बिहार में मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिल्ली जाना चाहते हैं? राज्य सभा के सदस्य बनना चाहते हैं? हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 30 मार्च को बिहार विधानसभा में अपने चेंबर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने जो भी कहा उससे यही झलक रहा है। नीतीश विधायक, लोकसभा सांसद, केंद्र सरकार में मंत्री, बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। अभी भी एमएलसी हैं। नीतीश को लगता है कि उनको अगर एक बार राज्यसभा की सदस्यता मिल जाए तो उनका सियासी जीवन पूरा हो जाएगा। अपने पुराने संसदीय क्षेत्र नालंदा का दौरा कर रहे हैं। पुराने संसदीय क्षेत्र बाढ़ को जिला बनाने की बात की है। वहां से कई बार सांसद रह चुके हैं तो क्या फिर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? इसपर उन्होंने कहा कि यह मेरा बिलकुल निजी दौरा है। 2 साल तक कोरोना काल के कारण मैं नहीं जा पाया था। इसलिए वहां जा रहा हूं। लोगों से मिल रहा हूं। समस्याएं सुन रहा हूं। लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। इस दौरान नीतीश ने कहा कि अब तक वह राज्य सभा के सदस्य नहीं बने हैं। उनकी इसी बात से लगा कि राज्यसभा जाना चाहते हैं। साथ में नीतीश ने यह भी कहा कि वह फिलहाल बिहार की सेवा कर रहे हैं। यहां की जिम्मेदारी उनके पास है। लेकिन नीतीश ने राज्यसभा वाली जो बात कही इसके बाद से सियासी गलियारों में अटकलें लगने लगी हैं कि क्या नीतीश सच में बिहार की बागडोर दूसरे को सौंप राज्यसभा जाना चाहते हैं। नीतीश के उप राष्ट्रपति बनने की चर्चा भी जोरों पर है। चर्चाएं हैं कि बीजेपी उनको उपराष्ट्रपति बनाने का ऑफर देगी तो उनके राज्यसभा जाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। राज्यसभा के सभापति बन जाएंगे। वैसे भी बिहार के पॉलिटिकल कॉरिडोर्स में चर्चा है कि बिहार में बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। वीआईपी के तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बिहार विधानसभा में 77 विधायकों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बिहार से बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने दावा किया है कि कांग्रेस के 19 में से 13 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं जो जल्द बीजेपी का दामन थामेंगे।
बिहार में बीजेपी अपने विधायकों की संख्या को बढ़ा रही है। सवाल उठने लगा है कि क्या मुख्यमंत्री के पद पर उसकी नजर है? वहीं इन अटकलों को हवा बिहार से बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने दे दी है। बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने कहा है कि बिहार में नीतीश को सीएम पद से हटा देना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री होना चाहिए। कयास लगने लगे हैं कि क्या बीजेपी नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने का ऑफर देकर बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है? नीतीश ने आज पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में राज्यसभा जाने की इच्छा व्यक्त की है। इन सब से अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या नीतीश दिल्ली जाएंगे और बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा? सियासत संभावनाओं का खेल है और नीतीश अपने चौंकाने वाले निर्णय के लिए ही जाने जाते हैं। पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पत्रकारों से विधानसभा में अपने चेंबर में अनौपचारिक बातचीत की। मैं था वहां। नीतीश ने कहा कि वह बिहार विधानसभा, विधान परिषद, लोक सभा के सदस्य रह चुके हैं। केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। राज्यसभा अब तक नहीं गए हैं। उनकी बातों से लगा कि राज्यसभा जाने की इच्छा रखते हैं। हो सकता है कि राज्यसभा जाकर केंद्र सरकार में मंत्री बन जाएं। बिहार में अपनी पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना दें। यह भी हो सकता है कि बीजेपी से उनकी कोई डील चल रही हो। बीजेपी उनको उप राष्ट्रपति बना सकती है। ऐसी चर्चा भी है। उप राष्ट्रपति बन जाएंगे तो हो सकता है बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बन जाए। नीतीश 17 सालों से मुख्यमंत्री हैं। हो सकता है कि अब बिहार से उनका मन भर गया हो इसलिए दिल्ली जाना चाहते हैं। बिहार के कृषि मंत्री एवं वरिष्ठ बीजेपी नेता अमरेंद्र कुमार ने कहा कि नीतीश जी ने अनौपचारिक बातचीत में पत्रकारों से क्या कहा मुझे नहीं पता लेकिन मैं तो चाहता हूं कि वह राज्यसभा नहीं जाएं। बिहार में रहें। बिहार के मुख्यमंत्री बने रहें। बिहार को उनकी जरूरत है। बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अच्छा काम किया है। बिहार में रहेंगे तो सूबे का तेजी से विकास होगा। राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री हर मोर्चे पर फेल साबित हो रहे हैं। बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। बेरोजगारी है। उद्योग धंधे नहीं हैं। भ्रष्टाचार हो रहा है। नीतीश कुमार से बिहार संभाल नहीं रहा। बिहार से दिल्ली भागना चाहते हैं। बीजेपी भी उन पर दबाव बना रही है। बिहार में बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। इसलिये भी नीतीश दिल्ली जाकर राज्यसभा सांसद बनना चाहते हैं। नीतीश से हम लोग यही कहेंगे कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना दीजिये और बिहार में रहकर आराम कीजिए। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक राजेश राम ने कहा कि हमलोगों को लग रहा है कि नीतीश कुमार बिहार की सियासत से जाना चाहते हैं। बिहार में नहीं रहना चाहते हैं। इसका मुख्य कारण है कि बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और बीजेपी उन पर लगातार दबाव बना रही है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दीजिए। बीजेपी बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाह रही है। नीतीश जी को निर्णय लेना है कि वह बिहार में मुख्यमंत्री रहेंगे या दिल्ली जाकर राज्यसभा सांसद बनेंगे। जदयू प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में बेहतरीन काम कर रहे हैं। बिहार का हर क्षेत्र में विकास किया है। पूर्व की सरकारों ने बिहार का बंटाधार कर दिया था। नीतीश ने बिहार को हर क्षेत्र में मजबूत बनाया। अभी मुख्यमंत्री हैं। सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं लेकिन भविष्य में वो क्या करेंगे ये कोई नहीं जानता। राजनीति में कल क्या हो जाएगा कोई कुछ नहीं कह सकता। वहीं विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि नीतीश बिहार छोड़कर दिल्ली भागने की तैयारी में हैं। लेकिन हम लोग दिल्ली भागने नहीं देंगे। वो मुख्यमंत्री हैं। बिहार में जो गड़बड़ी है उसको ठीक उनको करना होगा। बतौर मुख्यमंत्री हर मोर्चे पर फेल साबित हो रहे हैं इसलिए दिल्ली जाना चाहते हैं। बिहार में कानून व्यवस्था चौपट है। बेरोजगारी है। हर क्षेत्र में बिहार पिछड़ा है।
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बिहार की सियासत में ट्विस्ट बीजेपी बना सकती है अपना मुख्यमंत्री