नई दिल्ली । कोरोना महामारी में कमी आने के बाद मार्च में जीएसटी कलेक्शन ने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। मार्च में यह 1.42 लाख करोड़ रुपए रहा जो अब तक का रेकॉर्ड है। अप्रैल में इसके और ऊपर जाने की उम्मीद है। रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन से सरकार महंगाई से जूझ रहे आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ कदम उठा सकती है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच चल रही जंग के कारण कच्चे तेल की कीमत एक वक्त 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी लेकिन अपने यहां उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमत करीब साढ़े चार महीने स्थिर रही। इससे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का भारी नुकसान हुआ। इसकी भरपाई के लिए उन्होंने 22 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी शुरू कर दी। अब तक 10 किस्तों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 7.20 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 115 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है जबकि डीजल भी 100 रुपये के करीब है। डीजल की कीमत बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ने लगी है और आने वाले दिनों में यह चरम पर पहुंच सकती है। यही वजह है कि सरकार आम आदमी को राहत देने और महंगाई को काबू में करने के लिए पेट्रोल-डीजल पर सेंट्रल एक्साइज में कटौती कर सकती है। पिछले साल जब देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत रेकॉर्ड पर पहुंच गई थी तो सरकार ने लोगों को दिवाली गिफ्ट देते हुए पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में क्रमशः पांच रुपए और 10 रुपए की कटौती की थी। जानकारों का कहना है कि अगर मोदी सरकार फिर पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती करती है तो इससे आम आदमी को राहत मिलेगी और महंगाई पर भी लगाम लगेगी।
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मार्च में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन, क्या अब आम आदमी को मिलेगी राहत?