नई दिल्ली । देश की प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनियों मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर की घरेलू बिक्री में मार्च, 2022 के दौरान गिरावट दर्ज की गई। वहीं टाटा मोटर्स, स्कोडा और किआ इंडिया ने पिछले महीने अपनी अब तक की सबसे अधिक मासिक थोक बिक्री हासिल की है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने बताया कि मार्च, 2022 में उसकी बिक्री पिछले पांच वर्षों के दौरान सबसे अधिक रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी मार्च के दौरान अपने यात्री वाहन की बिक्री में वृद्धि दर्ज की है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा कि मार्च महीने में उसकी घरेलू बिक्री सात प्रतिशत घटकर 1,43,899 इकाई रही जो एक साल पहले इसी माह में 1,55,417 इकाई थी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 16,52,653 इकाइयों की बिक्री की है। कंपनी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी का वित्त वर्ष 2021-22 में वाहनों के उत्पादन पर कुछ प्रभाव पड़ा था। हुंदै मोटर इंडिया की कुल बिक्री भी सालाना आधार पर मार्च, 2022 में 14 प्रतिशत घटकर 55,287 इकाई रह गई। कंपनी ने इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 64,621 इकाइयां बेची थी। दूसरी तरफ, टाटा मोटर्स ने मार्च, 2022 के दौरान अपने यात्री वाहनों की किसी एक महीने में सबसे अधिक बिक्री हासिल की है।
कंपनी की थोक बिक्री मार्च 2021 में 29,654 इकाइयों से 43 प्रतिशत बढ़कर मार्च, 2022 में 42,293 इकाई पर पहुंच गई। महिंद्रा ने बताया कि घरेलू बाजार में पिछले महीने उसके यात्री वाहनों की बिक्री 65 प्रतिशत बढ़कर 27,603 इकाई हो गई, जो मार्च 2021 में 16,700 इकाई थी। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की थोक बिक्री भी मार्च, 2022 में 14 प्रतिशत बढ़कर 17,131 इकाई हो गई। एक साल पहले के इसी महीने में उसने 15,001 इकाइयों की बिक्री की थी। वाहन विनिर्माता किआ की बिक्री भी पिछले महीने बढ़कर 22,622 इकाई पर पहुंच गई। यह कंपनी द्वारा किसी एक महीने में बेचे गए वाहनों की सबसे अधिक संख्या है। स्कोडा ऑटो ने बताया कि मार्च, 2022 में उसकी बिक्री पांच गुना बढ़कर 5,608 इकाई पर आ गई। कंपनी ने मार्च, 2021 में 1,159 कारों को बेचा था। इसके अलावा आलोच्य महीने के दौरान एमजी मोटर ने 4,721 और निसान ने 3,007 इकाइयों की बिक्री की। दोनों कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई है।
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मार्च में मारुति, हुंदै की थोक बिक्री घटी और टाटा, किआ की बढ़ी - कलपुर्जों की कमी से वित्त वर्ष 2021-22 में वाहनों का उत्पादन हुआ प्रभावित