नई दिल्ली । केंद्रीय एजेंसियों पर अपने राजनीतिक आकाओं के इशारों पर विपक्षी नेताओं को परेशान करने के आरोप विभिन्न राज्यों की पार्टियों द्वारा लगाया जाता रहा है। कांग्रेस और उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप केंद्र सरकार पर लगाए हैं। ऐसे आरोपों पर सीजेआई एनवी रमना ने केंद्रीय जांच एजेंसी को एक खास नसीहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमना ने सीबीआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सीबीआई के कामकाज पर सख्त टिप्पणी की है। सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि सीबीआई की सक्रियता और निष्क्रियता को आधार बना कर अक्सर इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाते हैं। सीजेआई ने कहा कि सामाजिक वैधता और सार्वजनिक विश्वास को पुन: प्राप्त करना इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसके लिए पहला कदम राजनीतिक और कार्यकारी के साथ गठजोड़ तोड़ना होना चाहिए।
सीजेआई रमना ने कहा ब्रिटिश शासन से लेकर वर्तमान दौर तक भारत में पुलिस सिस्टम में कैसे कब औऱ कितना बदलाव हुआ है? लेकिन वक्त के साथ-साथ सीबीआई जैसी जांच एजेंसी सार्वजनिक निगरानी के दायरे में आ गई है। भ्रष्टाचार के आरोपों से पुलिस की छवि धूमिल होने की बात का उल्लेख करते हुए सीजेआई ने कहा अक्सर पुलिस अधिकारी हमारे पास यह शिकायत लेकर आते हैं कि आम चुनाव के बाद सरकारें बदलने पर नई सरकार उन्हें परेशान करती हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमना ने कहा कि सच्चाई यह है कि अन्य संस्थानों में कितनी भी कमी क्यों न हो, अगर आप अपने कर्तव्य के प्रति सच्चे हैं तो कुछ भी आपके रास्ते में नहीं आ सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था में उसका नेतृत्व महत्वपूर्ण होता है। हम या तो प्रवाह के साथ जा सकते हैं या रोल मॉडल बन सकते हैं। आपको याद रखना होगा कि जनप्रतिनिधि और सरकारें समय के साथ बदलती रहती हैं जबकि आप स्थाई हैं। शासक बदलते हैं, लेकिन प्रशासन और व्यवस्था स्थाई रहती है।
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सीजेआई ने सीबीआई को दी नसीहत, कहा नेता बदलते रहेंगे, लेकिन आप हमेशा रहेंगे