मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने 3 अप्रैल को मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की। इस बारे में पूछे जाने पर नितिन गडकरी ने कहा यह एक व्यक्तिगत मुलाकात थी, इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा मनसे प्रमुख के साथ उनके पुराने पारिवारिक रिश्तें हैं। वह राज ठाकरे के निमंत्रण पर उनके मिलने पहुंचे थे।
नितिन गडकरी ने पत्रकारों से कहा यह राजनीतिक मुलाकात नहीं थी. राज ठाकरे और उनके परिवार के साथ मेरा रिश्ता 30 साल पुराना है। मैं उनका नया घर देखने और उनकी माता जी का कुशल-क्षेम जानने आया था। यह एक फेमिली विजिट थी, न कि पॉलिटिकल। भले ही नितिन गडकरी इस मुलाकात के राजनीतिक मायने निकालने से मना कर रहे हैं, लेकिन महाविकास अघाड़ी सरकार की खुलेआम आलोचना कर रहे राज ठाकरे से उनकी मुलाकात के बाद अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है।
कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र की आगामी महानगरपालिका चुनाव के लिए भाजपा और मनसे गठबंधन कर सकते हैं। राज ठाकरे से नितिन गडकरी की मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। हाल के दिनों में राज ठाकरे महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के मुखर आलोचक बनकर उभरे हैं। नितिन गडकरी से मुलाकात के एक दिन पहले ही उन्होंने शिवाजी पार्क में मनसे के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए महाविकास अघाड़ी सरकार पर हमला बोला था। राज ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में पिछला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन सरकार विरोधी दलों के साथ मिलकर बनाई।
राज ठाकरे ने आगे कहा था कि चुनाव अभियान के दौरान अपनी सभी जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देवेंद्र फडनवीस को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करते थे, लेकिन तब शिवसेना ने कोई आपत्ति नहीं उठाई. चुनाव खत्म होने के बाद शिवसेना को अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की याद आई। राज ठाकरे ने इस मतदाताओं के साथ विश्वासघात बताया. साथ ही उन्होंने उद्धव सरकार से मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रोकने की मांग की. मनसे प्रमुख ने कहा कि यदि मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजेगा तो हम भी तेज आवाज में मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना या किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं हूं।
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राज ठाकरे से मिले केंद्रीय मंत्री गडकरी, लगने लगीं भाजपा के साथ जाने की अटकलें