YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

आर्टिकल

गर्भावस्था में बदलावों के दौरान इस प्रकार रहें फिट 

गर्भावस्था में बदलावों के दौरान इस प्रकार रहें फिट 

गर्भवती महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं जिसके चलते तनाव हो जाना आम बात है। कामकाजी महिलाओं को ये तनाव ज़्यादा झेलती हैं। इसके अलावा, कई महिलाओं को लेबर पेन और डिलीवरी से जुड़ी अन्य बातों को सोचकर भी तनाव हो जाता है जबकि कोई और समस्या हो या न हो, ये तनाव ज़रूर ऐसे में अपने आप में एक बड़ी समस्या है। इससे आपके अपने और बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए ये ज़रूरी है कि आपको इस बात की जानकारी हो कि ऐसे में होने वाले तनाव को कैसे नियंत्रित करना है।
गर्भावस्था में होने वाले तनाव से बचने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है ध्यान। 10 मिनट निकालकर ध्यान करें। ऐसा रोज़ करें, ताकि आप अपना तनाव धीरे-धीरे कम करती जाएं। कई अध्ययनों में भी ये बातें सामने आई हैं कि जो महिलाएं गर्भावस्था में उचित देखभाल के साथ-साथ माइंड-बॉडी थैरेपी जैसे योग व ध्यान करती हैं, उन्हें कम दर्द होता है, डिलिवरी के दौरान कम दवाओं की ज़रूरत पढ़ती है और वो जल्दी उबर जाती हैं। 
जब आप ध्यान करें तो सामान्य रूप से सांस लेती रहें। जब आप ध्यान लगाने की कोशिश करें तो ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से बचें। मन के अंदर सकारात्मक विचार आने दें। गर्भावस्था के दौरान मेडिटेशन को अपनी आदत बना लें, इससे आपको ज्यादा से ज्यादा फायदे मिल पाएंगे।
फॉलिक एसिड से बढ़ सकती है एलर्जी
गर्भावस्था के बाद के चरणों में फॉलिक एसिड के सेवन से इंट्रायूटेरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर) से प्रभावित बच्चों में एलर्जी के खतरे बढ़ सकते हैं। एक नए अध्ययन में इन खतरों के प्रति आगाह किया गया है। फॉलिक एसिड विटामिन बी का एक प्रकार है जो विकसित हो रहे भ्रूण के तंत्रिका ट्यूब में होने वाले दोषों को रोकता है।
तंत्रिका ट्यूब गर्भावस्था के पहले महीने में विकसित हो जाता है। यही कारण है कि महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही में फॉलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं हालांकि गर्भावस्था के बाद के चरणों में इसके नियमित सेवन की जरूरत नहीं रह जाती और असल में यह बच्चों में एलर्जी के खतरे को और बढ़ा सकता है। 
 

Related Posts