नई दिल्ली । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर वे रूस पर एक्शन नहीं ले सकते हैं तो फिर उन्हें इस संस्था को बंद कर देना चाहिए। इस दौरान जेलेंस्की ने से कहा कि रूसी बलों द्वारा की गई ज्यादतियां इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के कृत्यों से अलग नहीं हैं। उन्होंने रूसी बलों को ‘‘युद्ध अपराध करने’’ के मामले में न्याय के दायरे में लाने की खातिर तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग की। यूक्रेन में रूसी युद्ध अपराधों की इस्लामिक स्टेट (दाएश) से तुलना करते हुए, और नूर्नबर्ग की तर्ज पर एक न्यायाधिकरण के माध्यम से पूर्ण जवाबदेही की मांग करते हुए, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से एक वर्चुअल संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र को या तो बंद कर देना चाहिए और खुद को भंग कर देना चाहिए या कठोर सुधार करना चाहिए और रूस को परिषद से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यूएन बातों से ज्यादा कुछ करना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने जनादेश को पूरा करना चाहता है तो उस यह करना चाहिए। जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने पहले संबोधन में कहा, ‘‘मैं रूसी बलों के कब्जे से हाल में मुक्त कराए गए एवं कीव के पास स्थित बूचा शहर से कल लौटा। वहां एक भी ऐसा अपराध नहीं है, जो हुआ नहीं हो। रूसी बलों ने हमारे देश की सेवा करने वाले हर व्यक्ति की चुन-चुन कर और जानबूझकर हत्या की। उन्होंने रूसी बलों की ‘‘बर्बरता’’ की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘यह कुछ इलाकों पर कब्जा करने वाले दाएश जैसे आतंकवादी संगठनों से अलग नहीं है। यह काम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सदस्य द्वारा किया जा रहा है, जो आंतरिक एकता, सीमाओं और देशों को नष्ट कर रहा है।’’ जेलेंस्की ने कहा, ‘‘हम एक ऐसे देश से निपट रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो को मरने के अधिकार में बदल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक सुरक्षा के पूरे ढांचे को कमजोर करता है। यह उन्हें दंड के बच निकलने की अनुमति देता है।’’ जेलेंस्की ने कहा, ‘‘रूसी सेना और उसे आदेश देने वालों को यूक्रेन में युद्ध अपराध करने के लिए न्याय के दायरे में तत्काल लाया जाना चाहिए।
वर्ल्ड
रूस पर एक्शन नहीं ले सकते तो खुद को बंद कर दे संयुक्त राष्ट्र