नई दिल्ली । यूक्रेन पर हमले के बाद एक तरफ जहां पूरी दुनिया रूस के खिलाफ खड़ी हो रही है वहीं दूसरी तरफ भारत अपने पुराने दोस्त रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। किसी की परवाह किए बिना भारत लगातार रूस से व्यापारिक समझौते कर रहा है। रूस से हो रहे व्यापारिक समझौतों को लेकर भारत ने कहा है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बीच भारत रूस के साथ अपने पुराने व्यापारिक रिश्तों को स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंघम बागची ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को इस बात का हल निकालने में जुटे हैं कि वर्तमान हालातों में पेमेंट का कौन सा तरीका अपनाया जाए। दरअसल बागची से पत्रकार ने भारत-रूस व्यापार को लेकर अमेरिका की नाराजी को लेकर सवाल पूछा था। पत्रकार ने पूछा था यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जिस तरह अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं और रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को भी अंजाम भुगतने की धमकी थी दी उसपर भारत की क्या राय है। इसके जवाब में बागची ने कहा कि भारत रूस के साथ अपने आर्थिक समझौते जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत और रूस अपने व्यापारिक समझौतों को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है ना कि बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ व्यापारिक समझौते बने रहें ये भारत के हित में है। गौरतलब है कि गुरुवार को रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र आम सभा की आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी जिसमें रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से बाहर करने का फैसला किया गया। रूस को बाहर करने के पक्ष में 93 वोट पड़े। खास बात ये रही कि भारत समेत 58 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
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आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस को मिला भारत का साथ