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समाज सुधारक ज्योतिबा फुले असंख्य लोगों की उम्मीदों के स्रोत थे: मोदी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की 

समाज सुधारक ज्योतिबा फुले असंख्य लोगों की उम्मीदों के स्रोत थे: मोदी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की 

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, जिन्होंने सामाजिक समानता, महिला सशक्तीकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अथक काम किए। उन्होंने कहा कि फुले का सामाजिक न्याय के चैम्पियन के रूप में व्यापक तौर पर सम्मान किया जाता है और वह असंख्य लोगों की उम्मीदों के स्रोत हैं। आगामी 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की एक कड़ी के कुछ अंश भी साझा किए, जिसमें उन्होंने बाबा साहेब के साथ ही ज्योतिबा फुले को भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी। बाबा साहेब और फुले समाज के वंचित और पिछड़े वर्ग से थे और उन्होंने समाज सुधार के लिए लड़ाई लड़ी। महात्मा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर के महान योगदान के लिए भारत हमेशा उनका ऋणी रहेगा। 
भारतीय जनता पार्टी ने फुले की जयंती को व्यापक स्तर पर मनाने के लिए देश भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया है। पार्टी ने 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती को देश भर में मनाने के लिए भी कई कार्यक्रम तय किए हैं। वर्ष 1827 को महाराष्ट्र में जन्मे ज्योतिबा फुले ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। समाज के पिछड़े एवं वंचित वर्गों में शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी उन्होंने कई काम किए। उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने भी समाज के वंचित वर्गों के हित में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।
 

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