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देवड़ा पर निरुपम ने कसा तंज-यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी?

देवड़ा पर निरुपम ने कसा तंज-यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी?

मिलिंद देवड़ा के मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते ही मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने मिलिंद देवड़ा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मिलिंद देवड़ा ने सुझाव दिया है कि मुंबई कांग्रेस का कामकाज तीन लोगों की समिति को संभालना चाहिए। मिलिंद देवड़ा के इस सुझाव का संजय निरुपम ने विरोध किया है। निरुपम ने ट्वीट कर देवड़ा पर तंज कसा-यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी? पार्टी को ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से सावधान रहना चाहिए। 
उल्लेखनीय है कि मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस आलाकमान को सुझाव दिया है कि मुंबई कांग्रेस की कमान किसी एक व्यक्ति के हाथ में देने के बजाय तीन लोगों की समिति को सौंपी जाए, जो मुंबई में कांग्रेस का कामकाज देखे और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी भी करें। देवड़ा के इस सुझाव पर निरुपम ने ट्विटर के जरिए विरोध दर्ज किया है। 
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मुंबई कांग्रेस में अध्यक्ष के बजाय तीन सदस्यों की समिति बनाना सही निर्णय नहीं होगा और इससे पार्टी और रसातल में चली जाएगी। निरुपम ने एक और ट्वीट कर देवड़ा के राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने के बयान पर कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट किया-इस्तीफा में त्याग की भावना अंतर्निहित होती है। यहां तो दूसरे ही क्षण राष्ट्रीय स्तर का पद मांगा जा रहा है। यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी? पार्टी को ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से सावधान रहना चाहिए। 
उल्लेखनीय है कि निरुपम मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब निरुपम और मिलिंद देवड़ा के बीच 'शीत युद्ध' चला करता था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने निरुपम को हटाकर मिलिंद देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया था। निरुपम का मानना है उन्हें मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटवाने के पीछे मिलिंद देवड़ा की ही भूमिका थी। तब से इन दोनों नेताओं के बीच 36 के रिश्ते हैं। मिलिंद देवड़ा के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुंबई कांग्रेस में देवड़ा का कोई विकल्प नहीं होने के बावजूद ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी और राज्य प्रभारी के अलावा सचिवों ने मिलिंद देवड़ा के सुझाए गए नेताओं की कमिटी बनाने पर विश्वास जताया है। 
हालांकि निरुपम के विरोध के बाद इस सुझाव पर अमल कांग्रेस के लिए आसान नहीं रह गया है। निरुपम खेमे का कहना है देवड़ा अपने चहेते लोगों की कमेटी बनाकर, बिना कोई जिम्मेदारी लिए मुंबई कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा बनाए रखेंगे। वहीं देवड़ा गुट का कहना है कि मुंबई कॉस्मोपॉलिटन शहर है, इसे सामूहिक नेतृत्व की जरूरत है। 

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