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बोर्डिंग पास का काम करेगा चेहरा, अगले माह से दिल्ली एयरपोर्ट पर चालू होगा फेस रिकग्निशन सिस्टम

बोर्डिंग पास का काम करेगा चेहरा, अगले माह से दिल्ली एयरपोर्ट पर चालू होगा फेस रिकग्निशन सिस्टम

चेहरा पहचान कर एयरपोर्ट में एंट्री देनेवाले सिस्टम (फेस रिकॉग्निशन) के हैदराबाद एयरपोर्ट पर पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में शुरू होने के बाद इसे दिल्ली एयरपोर्ट में भी शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि 15 अगस्त से इसकी शुरुआत हो जाएगी। दिल्ली के साथ-साथ मुंबई एयरपोर्ट पर भी इसे चालू किया जाएगा। सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पायलट प्रॉजेक्ट का सफर अब तक कामयाब दिखाई दे रहा है। इसके बाद इसे दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिर देश के तमाम हवाईअड्डों को इसके दायरे में लाया जाएगा। यह डिजिटल यात्रा यानी डीजी यात्रा का ही एक हिस्सा है। एक बार यात्री इसमें रजिस्टर्ड हो जाता है, तो उसे बार-बार एयरपोर्ट में एंट्री करने के लिए अपने दस्तावेज दिखाने नहीं होंगे। चेहरा ही बोर्डिंग पास का काम करेगा। सीआईएसएफ द्वारा फाइनल जांच से पहले भी वहां चेहरे को स्कैन करनेवाले कैमरों से उस यात्री के बारे में तमाम जानकारी सीआईएसएफ के सामने होगी। इस सिस्टम में चेहरे के मिलान के साथ ही ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट के कोड को सीआईएसएफ द्वारा स्कैन किया जाएगा। 
दोनों का मिलान होने पर ग्रीन सिग्नल मिलेगा और इसी के साथ एयरपोर्ट में एंट्री करने के लिए फ्लैप गेट खुल जाएगा। जब डीजी यात्रा पूरे देश के एयरपोर्ट में लागू कर दी जाएगी, तब हर यात्री को डीजी यात्रा का एक आईडी दिया जाएगा। इसके बाद टिकट बुक करते समय आईडी की डिटेल देनी होगी। इस तरह बाकी दस्तावेजों की जरूरत खत्म हो जाएगी। यात्री समय की बचत करते हुए सफर कर पाएंगे। प्रॉजेक्ट पूरी तरह से शुरू होने के बाद ऐसे यात्रियों को एयरपोर्ट के एंट्री गेट पर ही रोक दिया जाएगा, जिनके पास फर्जी या एडिट किए हुए टिकट होते हैं।  फर्जी टिकट होने पर फेस रिकॉग्निशन में रजिस्टर्ड होने के बाद भी फ्लैप गेट नहीं खुलेगा। अभी इस तरह के काफी मामले सामने आते हैं, जहां लोग किसी परिजन को एयरपोर्ट के अंदर तक छोड़ने के लिए फर्जी टिकट पर एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। 

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