गांधीनगर | गुजरात दौरे के तीसरे और अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एन्ड इनोवेशन समिट का उदघाटन करते हुए कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार की असीमित संभावनाएं हैं| आगामी 25 साल का अमृत काल विश्व के कोने कोने में परंपरागत चिकित्सा का स्वर्णिम काल होगा| आयुष दवाइयां, सप्लीमेंट और कॉस्मेटिक के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेजी देख रहे हैं| 2014 में जहां आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम था, आज यह बढ़कर 18 बिलियन डॉलर को पार कर गया है| उन्होंने कहा कि इस वर्ष अब तक 14 स्टार्ट अप यूनिकॉर्न क्लब से जुड़ चुके हैं और मुझे भरोसा है जल्द ही आयुष स्टार्ट अप से उभरेंगे| पीएम मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए समिट का आयोजन होते देखा होगा, परंतु आयुष क्षेत्र में इस प्रकार की पहली बार समिट आयोजित की गई है| ऐसी निवेश समिट का विचार मुझे तब आया जब समूची दुनिया में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा था| उस वक्त हमने देखा कि किस प्रकार आयुर्वेदिक दवाइयां, आयुष काढा और ऐसे कई उत्पादन लोगों को रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने में मददगार हुए थे| प्रधानमंत्री ने कहा कि औषधीय पौधे उगाने में लगे किसानों को बाजार से आसानी से जुड़ने की सुविधा मिलना जरूरी है और इसके लिए सरकार आयुष ई मार्केटप्लस के आधुनिकीकरण और विस्तार पर भी काम कर रही है| हम एक विशेष आयुष मार्क बनाने जा रहे हैं, जो भारत में बने उच्च गुणवत्ता वाले आयुष उत्पादों पर लागू होगा| ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलोजी के प्रावधानों से युक्त होगा| इससे विश्वभर लोगों को क्वालिटी आयुष प्रोडक्ट्स का भरोसा मिलेगा| पीएम मोदी ने कहा कि जो विदेशी नागरिक भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है| जल्द ही भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू की जाएगी| जिससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी| उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत दुनिया को अपने अनुभवों, अपने ज्ञान, अपनी जानकारी साझा करते हुए आगे बढ़ना चाहता है| हमारी विरासत मानवता के लिए विरासत की तरह है| हम दुनिया का दर्द कम करने के लिए कृत संकल्प हैं| यह ऐसा समय है जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और मुझे पूरा भरोसा है कि अगले 25 साल का हमारा अमृत काल दुनिया के कोने कोने में ट्रेडिशनल मेडिसीन का स्वर्णिम काल होगा| गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय समिट में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीन्द्र जुगनाथ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस गेब्रेसियस, केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, सर्वानंद सोनेवाल और गुजरात के मुख्यमंत्री समेत कई देशों के महानुभाव उपस्थित रहे|
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अगले 25 साल का अमृत काल परंपरागत चिकित्सा का स्वर्णिम काल होगा : पीएम मोदी