इस्लामाबाद । पाकिस्तान में शहबाज शरीफ कैबिनेट के गठन के साथ ही शरीफ परिवार में फूट पड़ती दिख रही है। लंबे इंतजार के बाद सत्ता में लौटे शहबाज शरीफ ने अपनी 33 सदस्यीय कैबिनेट में भाई नवाज शरीफ के करीबी पीएमएल एन नेताओं को किनारे लगा दिया है। नए पीएम ने बड़े भाई नवाज शरीफ के केवल एक समर्थक को कैबिनेट में जगह दी है। चाचा शहबाज शरीफ के दांव से नवाज की बेटी मरियम नवाज भड़की हुई हैं। उन्होंने अपनी नाखुशी को जाहिर कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज की कैबिनेट में मंत्रियों के चयन और उनके विभागों के बंटवारे पर पार्टी के अंदर दो फाड़ हो गया है। सूत्रों ने बताया कि पीएमएल एन की उपाध्यक्ष मरियम अपने चाचा पीएम शहबाज शरीफ से खुश नहीं हैं। मरियम का कहना है, कि शहबाज शरीफ ने पार्टी के सुप्रीम लीडर नवाज के करीबियों और समर्थकों के नाम पर विचार नहीं किया। ये सभी नेता लंबे समय से नवाज शरीफ के बेहद करीबी थे जो अभी लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि शरीफ ने नवाज शरीफ कैंप के केवल एक सदस्य जावेद लतीफ को कैबिनेट में जगह मिली है। जावेद ने शपथ ग्रहण में हिस्सा भी नहीं लिया। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ का सिद्धांत था कि 'सही व्यक्ति को सही काम मिले' जो कैबिनेट के चयन में दिखाई नहीं दे रहा है। नवाज के करीबी नेताओं को दरकिनार किया गया है। नवाज कैंप का कहना है कि इरफान सिद्दीकी को शिक्षा के क्षेत्र में 25 साल का अनुभव है, लेकिन उन्हें यह मंत्रालय नहीं दिया गया।
उधर,पीएम शरीफ की इस कैबिनेट से बड़ी सहयोगी पार्टी पीपीपी भी खुश नहीं है। इसकारण पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने शपथ में हिस्सा नहीं लिया। यही नहीं पीपीपी के एक अन्य नेता मुस्तफा नवाज खोखर राज्यमंत्री बनाए जाने से खुश नहीं हैं। उन्होंने मंत्रालय को संभालने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि जूनियर नेताओं को तरजीह देकर उन्हें संघीय मंत्री बना दिया गया। पीपीपी के सूत्रों का कहना है कि बिलावल लंदन जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात करके कैबिनेट के गठन पर अपनी आपत्ति जाहिर करेगा। पीपीपी की नजर पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद और पंजाब के गवर्नर पद पर भी है।
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अपने बड़े भाई के नहीं हुए शाहबाज शरीफ, मरियम अपने चाचा से नाराज