नई दिल्ली । देश में इलेक्ट्रिक वाहनों विशेष तौर पर दोपहिया वाहनों की सेफ्टी को और पुख्ता बनाने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है। हाल के दिनों में देश में अलग-अलग इलाकों से इलेक्ट्रिक स्कूटरों के धू-धू कर जलने की खबरें लगातार आईं। इन घटनाओं पर तुरंत एक्शन लेकर जहां सरकार ने जांच के आदेश दिए, वहीं अब इनके लिए स्टैंडर्ड को तय किए जाने का काम भी चल रहा है।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से खबर दी, कि सरकार बैटरी में इस्तेमाल होने वाले सेल के मानकों को संशोधित करेगी। इनकी टेस्टिंग और बैटरी मैनेजमेंट से जुड़े मानदंडों को भी संशोधित किया जाएगा। शुरुआती जांच रिपोर्टों से पता चलता है कि एक निश्चित तापमान पर पहुंचने के बाद बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले सेल आग पकड़ रहे हैं, इसकारण इलेक्ट्रिक गाड़ियां धू-धू कर जल रही हैं। नए मानक मुख्य तौर पर ज्यादा प्रोडक्शन के साथ-साथ सेल और बैटरी की स्टोरेज क्षमता, रिचार्ज स्टैंडर्ड और अन्य सेफ्टी फीचर्स पर जोर देने वाले हैं। खबर के मुताबिक सरकार अभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को रिकॉल करने का प्लान नहीं कर रही है, बल्कि मामले में अभी डीआरडीओ और इंडियन इंस्टीयूट आफ सांइस की रिपोर्ट का इंतजार है, जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों में आग लगने के कारणों पर विस्तार से जांच कर रहे हैं।
इससे पहले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमानी ने कहा था कि सरकार ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। अगले कुछ दिन में सरकार इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाने जा रही है। आग लगने वाली घटनाओं में ओकाया ऑटा के स्कूटर भी शामिल हैं। हाल में कंपनी ने अपने 3,215 प्रेज प्रो स्कूटरों को रिकॉल किया है। इलेक्ट्रिक स्कूटरों को रिकॉल कर कंपनी ने कहा था कि आग लगने की हालिया घटनाओं के बाद वह स्वेच्छा से इन्हें वापस मंगा रही है। कंपनी ने कहा था कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों को वापस बुलाना कस्टमर्स की सेफ्टी को लेकर उसकी कमिटमेंट का हिस्सा है। कंपनी ने बैटरी से जुड़ी खामियों को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाया है।
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दुपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की सेफ्टी को और पुख्ता करने में जुटी मोदी सरकार