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पश्चिमी विक्षोभ के चलते बदला दिल्ली का मौसम, छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना

पश्चिमी विक्षोभ के चलते बदला दिल्ली का मौसम, छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना

नई दिल्ली । उत्तर भारत में पिछले कई दिनों से जारी तेज गर्मी के बीच लोगों को बुधवार को मामूली राहत मिली है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव के प्रभाव के कारण राजधानी दिल्ली में बुधवार को मौसम में मामूली बदलाव दर्ज किया गया। दिल्ली और आसपास, असम, मेघालय और अन्य पूर्वी राज्यों में बुधवार और गुरुवार को बारिश की संभावना है।  मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 24 डिग्री और अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। इसके अलावा, गुरुवार 21 अप्रैल का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री और अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं। दोनों दिन हल्की बारिश हो सकती है। गुजरात में भी बारिश होने के आसार हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री और अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहेगा। 
एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव दिल्ली के मौसम पर बुधवार से दिखने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है, लेकिन शाम के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। रात के समय 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली हवा के साथ दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बूंदाबांदी हो सकती है। इसके चलते लोगों को लू की तपिश से राहत मिलेगी। उत्तराखंड में चटक धूप से मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी का प्रकोप बना है। पारे के शीर्ष पर पहुंचने से जनजीवन प्रभावित है। मंगलवार अब तक इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। जबकि, अपै्रल में पारे ने पुराने रिकार्ड ध्वस्त करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। बीते 13 वर्षो में यह अप्रैल सबसे गर्म बीत रहा है। ज्यादातर मैदानी इलाकों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया है। वहीं, हिमाचल के ऊना में भी 19 अप्रैल को गर्मी का 25 साल का रिकार्ड टूटा। ऊना में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस रहा। ऊना में वर्ष 1997 में 19 अप्रैल को अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस रहा था। हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार से प्रदेश में मौसम करवट बदल सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं गरज के साथ बौछार और ओलावृष्टि हो सकती है। जबकि, मैदानों में अंधड़ की आशंका है।
 

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