नई दिल्ली । जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर चर्चा शुरू कर दी है। सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के खिलाफ विपक्ष की आम सहमति से इसकी शुरुआत हो चुकी है। पार्टियों के मई की शुरुआत में राष्ट्रपति चुनाव और केंद्र द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर एक बैठक आयोजित करने की उम्मीद है। जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर चर्चा शुरू कर दी है। सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के खिलाफ विपक्ष की आम सहमति से इसकी शुरुआत हो चुकी है। पार्टियों के मई की शुरुआत में राष्ट्रपति चुनाव और केंद्र द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर एक बैठक आयोजित करने की उम्मीद है। 2022 के राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी एकता के लिए महत्वपूर्ण हैं। विपक्षी दल बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का मौका तलाश रहे हैं। 2017 के राष्ट्रपति चुनावों से अब तक भाजपा ने शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सहित सहयोगियों को खो दिया है। यह एक संख्या का खेल होगा जो विपक्षी एकता की परीक्षा लेगा।
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एनडीए के खिलाफ कौन होगा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार विपक्ष ने भी शुरू कर दिया मंथन