नई दिल्ली । बिजली की बढ़ती मांग के बीच विद्युत मंत्रालय ने कहा कि उसने निजी बिजली उत्पादन केंद्रों को एक साल के बजाय तीन साल तक के लिए कोयला आपूर्ति सुरक्षित रखने की अनुमति दे दी है। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को आवंटित कोयले का स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) द्वारा उपयोग संबंधी तौर-तरीकों में बदलाव किए गए हैं। अब बोली प्रक्रिया के लिए समय सीमा को भी मौजूदा 67 दिनों से घटाकर 37 दिन कर दिया गया है। मंत्रालय के मुताबिक घरेलू कोयले का अधिक कारगर उपयोग सुनिश्चित करने के साथ ही बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे के ढांचे के बेहतर उपयोग के उपाय किए गए हैं। इस बयान के मुताबिक निजी बिजली उत्पादक अब एक साल के बजाय तीन साल तक की जरूरत का कोयला आपूर्ति करवा सकते हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह कदम राज्यों को खदानों के नजदीक वाले संयंत्रों में कोयले का बेहतर उपयोग करने में सक्षम बनाएंगे। इसका कारण कोयले के बजाय सुदूर राज्यों में बिजली पहुंचाना कहीं आसान होगा।
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निजी बिजली उत्पादकों के लिए कोयला उपयोग नियम बदले