YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

स्पोर्ट्स

पता नहीं वे खुद को क्या समझते हैं, पॉन्टिंग होते तो शायद ऐसा न होता', पंत के रवैए पर भड़के पीटरसन

पता नहीं वे खुद को क्या समझते हैं, पॉन्टिंग होते तो शायद ऐसा न होता', पंत के रवैए पर भड़के पीटरसन

मुंबई । इंडियन प्रीमियर लीग 2022 में दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच नो-बॉल पर फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दिल्ली कैपिटल्स को आखिरी ओवर में 36 रन चाहिए थे। यह लगभग असंभव सा लक्ष्य था। दिल्ली की उम्मीदें रोवमैन पॉवेल की बल्लेबाजी ने परवान चढ़ानी शुरू कर दीं। उन्होंने ओवर की पहली तीन गेंदों पर तीन छक्के लगाए। तीसरी गेंद एक हाई फुलटॉस थी लेकिन मैदानी अंपायर्स ने फैसला किया कि यह कमर से नीचे थी। 
इसके बाद दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत ने जो किया उसे देखकर क्रिकेट के कई जानकार हैरान हैं। पंत ने अंपायर्स के फैसले से नाराज होकर अपने बल्लेबाजों को मैदान से बाहर आने का इशारा किया था। उन्होंने सहायक कोच प्रवीण आमरे को मैदान पर भेजकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। मैच आखिर राजस्थान रॉयल्स 15 रन से जीत गई लेकिन पंत के इस रवैये की काफी आलोचना हो रही है।
ऋषभ पंत के बर्ताव से इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन भी काफी नाराज दिखे। उन्होंने एक सहायक कोच को मैदान पर भेजने के पंत के फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा इससे उनकी एकाग्रता भंग हुई होगी। खेल को लेकर ऋषभ पंत की सोच पर इससे फर्क पड़ा होगा। मेरे लिए अंपायर के फैसले से ज्यादा परेशान करने वाली बात पंत का व्यवहार रहा। 
यह घटना दिल्ली के मुख्य कोच रिकी पॉन्टिंग की गैर-मौजूदगी में हुई। पॉन्टिंग के परिवार के एक सदस्य को कोरोना संक्रमण हो गया है और इस वजह से वह आइसोलेशन में हैं। पीटरसन का मानना है कि अगर रिकी पॉन्टिंग होते तो डग-आउट में ऐसा नहीं होता। पीटरसन ने कहा, मुझे नहीं लगता अगर रिकी पॉन्टिंग होते तो ऐसा कुछ होता। मुझे लगता है कि जोस बटलर का ऋषभ पंत के पास जाकर यह कहना तुम यह क्या कर रहे हो, कहना बिलकुल सही था। क्या कोचों को मैदान पर भेजना सही है? पूर्व खिलाड़ी ने प्रवीण आमरे की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इतना वरिष्ठ होते हुए उन्हें मैदान पर नहीं जाना चाहिए। 41 वर्षीय पीटरसन ने कहा मुझे नहीं लगता वे अपने बारे में क्या सोचते हैं लेकिन यह एक गलती थी। यह एक बहुत-बहुत बड़ी गलती थी। इससे गलत और कुछ नहीं हो सकता कि कोच मैदान पर जाए और अंपायर्स से बात करे। 
पीटरसन ने कहा मुझे समझ नहीं आता कि कोच, जो उस खेमे में एक वरिष्ठ साथी होता है, वह ऐसे व्यवहार कैसे कर सकता है। ऋषभ पंत उन्हें ऐसा करने के लिए कह रहे थे। वे मैच छोड़कर जाना चाहते थे। मेरी नजर में यह ना-काबिले बर्दाश्त है और मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे क्रिकेट के मैदान पर ऐसा कभी देखने को नहीं मिलेगा। 
 

Related Posts