नई दिल्ली । उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दो साल पहले हुए दंगे की तरह ही जहांगीरपुरी में भी हिंसा की साजिश रची गई थी। क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार इसके लिए न सिर्फ पीएफआइ ने फंडिंग की, बल्कि कई दिन पहले से इसकी साजिश रचना भी शुरू कर दिया था। यही नहीं, हनुमान जन्मोत्सव के एक दिन पहले ही पीएफआइ के सदस्यों ने जहांगीरपुरी में बैठक कर शोभायात्रा को बाधित करने और हिंसा को अंजाम देने की रणनीति तैयार की थी।
इस बैठक में अंसार, सोनू चिकना और सलीम सहित करीब 25 लोग शामिल हुए थे। हालांकि, क्राइम ब्रांच के अधिकारी इस बारे में अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे और शाहीन बाग के प्रदर्शन के मामले में पीएफआइ की संलिप्तता का पहली बार पता चला था।
क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो इन दंगों में जिस तरह से पीएफआइ के जरिए फंडिंग की गई थी। ठीक उसी तरह से जहांगीरपुरी हिंसा के लिए फंडिंग किए जाने की जानकारी क्राइम ब्रांच को अब तक की जांच में मिली है। इसके बाद गोपनीय तरीके से क्राइम ब्रांच ने फंडिंग के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि जांच में 20 से 25 ऐसे लोगों की क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली है, जो कि सीएए और एनआरसी के प्रदर्शन के साथ ही उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के दौरान सक्रिय रहे थे। इन सभी की लोकेशन 15 अप्रैल को जहांगीरपुरी में मिली है। इसके बाद ही क्राइम ब्रांच की जांच इस दिशा में आगे बढ़ी है। क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भी बड़ा दंगा कराने की साजिश जहांगीरपुरी में रची गई थी। इसके लिए पीएफआइ के सदस्यों ने कई बैठकें की थीं। इसके बाद उपद्रवियों को हथियार मुहैया कराए गए थे।
उपद्रवियों को उम्मीद थी कि शोभायात्रा पर पथराव और फायरिंग करते ही भगदड़ मच जाएगी। इसमें कई लोगों की जान जाएगी और बड़े स्तर पर हिंसा भड़केगी। इसके लिए पीएफआइ के करीब 20 सदस्य लोगों को उकसाने के लिए हिंसा वाले दिन जहांगीरपुरी में मौजूद थे। जहांगीरपुरी में 100 से अधिक पीएफआइ स्टूडेंट विंग के सदस्य भी रहते हैं। दिल्ली दंगा मामले में पिछले दिनों जो पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। उसमें भी पीएफआइ का लिंक उजागर हुआ है। आरोप पत्र में इस संगठन के तार आतंकी डा सबील अहमद से जुड़े होने की बात कही गई है। सबील अहमद स्काटलैंड के ग्लासगो एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। एनआइए ने इसी आरोप पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि सबील व अन्य आतंकियों से पीएफआइ का संपर्क है।
रीजनल नार्थ
जहांगीरपुरी हिंसा में सामने आया पीएफआई का कनेक्शन, साजिश को अंजाम देने के लिए 15 अप्रैल को हुई थी बैठक