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16 साल बाद विश्व कप में आमने-सामने भारत और न्यूजीलैंड फाइनल के लिए होगा कड़ा मुकाबला

16 साल बाद विश्व कप में आमने-सामने भारत और न्यूजीलैंड फाइनल के लिए होगा कड़ा मुकाबला

विराट कोहली की टीम के लिए अभी तक विश्व कप का सफर स्वप्निल रहा है। विश्व कप की चमचमाती ट्रॉफी बस 'दो कदम  दूर रह गई है। पहला कदम मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाला सेमीफाइनल मुकाबला है। विश्व कप की 'रन मशीन  रोहित शर्मा की अगुआई में भारतीय शीर्षक्रम शानदार प्रदर्शन कर रहा है। दूसरी ओर ट्रेंट बोल्ट के नेतृत्व में न्यूजीलैंड के तेज आक्रमण की धार भी कम नहीं है। इस टूर्नामेंट में 'प्लान बी  के अभाव में भी विराट कोहली की टीम अपनी कमियों को ढांकने में कामयाब रही है लेकिन अब आखिरी दो तिलिस्म पर कोई भी कोताही बरतना भारी पड़ सकता है। 
 मध्यक्रम का असल टेस्ट अभी बाकी
भारत के लिए चिंताजनक बात यह है कि शीर्षक्रम के बेहद कामयाब रहने से मध्यक्रम का 'टेस्ट  नहीं हो सका। ऐसे में बादलों से घिरे मैनचेस्टर के मैदान पर तेज गेंदबाज बोल्ट का पहला स्पैल घातक साबित हो सकता है। इसके अलावा हार्दिक पंड्या को छोड़कर मध्यक्रम का कोई बल्लेबाज अच्छा नहीं खेल सका है। महेंद्र सिंह धोनी ने 90 प्लस के स्ट्राइक रेट से 293 रन बनाए लेकिन अपने चिर परिचित अंदाज में नहीं दिखे। 
44 साल के इतिहास का यह अनोखा संयोग
लगातार तीन लीग मैच हारकर सेमीफाइनल खेलने वाली न्यूजीलैंड पहली टीम बनने जा रही है। फिर वल्र्ड कप के इतिहास का यह अनोखा संयोग भी है कि अंतिम लीग मैच हारकर नॉकआउट में पहुंचने वाली टीम आज तक विजेता नहीं बन सकी। 
टॉस की भी जीत और हार में अहम भूमिका 
मुकाबला शुरू होने से पहले टॉस की भी जीत और हार में अहम भूमिका होने वाली है। वल्र्ड कप के ग्रुप मैचों में चेज करना उतना फायदेमंद नहीं रहा है जितना टॉस जीतने के बाद पहले बैटिंग करना। इसलिए सेमीफाइनल्स में भी टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला निर्णायक हो सकता है। मंगलवार को सेमीफाइनल में भारत और न्यू जीलैंड भिड़ेगी और इसके बाद गुरुवार को इंग्लैंड ऑस्ट्रिलिया के बीच मुकाबला होना है। सेमीफाइनल में भी लोगों की नजरें टॉस पर होंगी। पाकिस्तान के कप्तान सरफराज की टॉस को लेकर काफी आलोचना भी हुई थी। भारत के खिलाफ मैच के दौरान उन्होंने टॉस जीता लेकिन पहले बोलिंग का फैसला किया था जबकि इमरान खान ने पहले बल्लेबाजी करने की सलाह दी थी। इमरान की बात न मानने के लिए उन्हें निशाने पर लिया गया।

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