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हीट वेव ने 23 राज्यों को किया बेहाल, कई स्थानों पर पारा 46 डिग्री तक पहुंचा -स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई चिंता, सरकार से कुछ खास बंदोबस्त की अपील

हीट वेव ने 23 राज्यों को किया बेहाल, कई स्थानों पर पारा 46 डिग्री तक पहुंचा -स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई चिंता, सरकार से कुछ खास बंदोबस्त की अपील

नई दिल्ली । इन दिनों सूरज आग उगल रहा है और उसकी किरणें झुलसा रही हैं। कई जगहों पर तो पारा अप्रैल में 46 डिग्री तक पहुंच गया। राजधानी दिल्ली में ही 44-45 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया गया। ऐसे में, पारे की चाल आने वाले दिनों में कई जगहों पर 50 डिग्री का आंकड़ा भी छू सकती है। इस बार की गर्मी कुछ असामान्य (हीट वेव) है। यह असमान्यता किसी एकाध इलाके या राज्य में नहीं है। बल्कि बताते हैं कि देश के 23 राज्य हैं, जहां गर्मी ने लोगों का हाल बिगाड़ रखा है या आने वाले समय में और खराब कर सकती है। मतलब लगभग देश का लगभग तीन चौथाई हिस्सा। इससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ी हुई है और वे सरकार से कुछ विशेष बंदोबस्त की दरख्वास्त कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक, अभी हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक बैठक दिल्ली में हुई है। उसमें माना गया है कि देश के 23 राज्य ऐसे हैं, जहां अभी से गर्मी की वजह से होने वाली तमाम बीमारियों के मामले सामने आने लगे हैं। इस बाबत मौसम विभाग की चेतावनी भी गौरतलब है। विभाग ने हाल ही में अपना अनुमान जताते हुए कहा है कि मार्च और अप्रैल में देश के कई इलाकों में असामान्य रूप से तापमान ऊंचा रहा है। 
यही स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता का कारण है। उनकी मानें तो गर्मी की असामान्य स्थिति विभिन्न बीमारियों, यहां तक कि मौतों को भी दावत दे सकती है। गांधीनगर के भारतीय लोक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉक्टर दिलीप मावलंकर कहते हैं, ‘सभी शहरों को लोगों की मौतों के विभिन्न कारणों पर निगरानी रखनी चाहिए। इसकी भी पूरी जानकारी कि किन-किन कारणों से लोगों को एंबुलेंस बुलानी पड़ी या उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। ताकि विशेषज्ञ पता लगा सकें कि असामान्य गर्मी ने बीते 5 साल में मृत्युदर पर कैसा असर छोड़ा है।’ डॉक्टर मावलंकर जैसे विशेषज्ञ सरकार से अपेक्षा करते हैं कि चूंकि इस बार गर्मी असामान्य है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। यही स्थिति बनी रही तो आशंका यहां तक है कि घर में बैठे-बैठे ही लोग तापघात की चपेट में आ जाएं। इससे उनकी मौत भी हो सकती है। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि ठीक उसी तरह गर्मी से लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर की निगरानी करे, जिस तरह कोरोना महामारी की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और एक्सिलेंस ऑफ चेंज एंड हेल्थ जैसी इकाईयों के नोडल अफसर हैं, डॉ महावीर गोलेछा। वे एक बातचीत के दौरान कहते हैं, ‘लोगों को गर्मी से बचाव के लिए अपने स्तर पर विशेष इंतजाम करना चाहिए। सबसे बढ़िया तो ये होगा कि दोपहर को 1 से 3 के बीच घर पर ही रहें। फिर भी अगर किसी वजह से बाहर निकलना पड़े तो सिर ढंककर जाएं। खुले आसमान के नीचे काम करते हैं तो सुनिश्चित करें कि सिर गीले कपड़े से हमेशा ढंका रहे। खूब पानी पीएं। शिकंजी और विभिन्न फलों के जूस जैसे शरीर को ठंडा रखने वाले पेय पदार्थों का सेवन करते रहें।’
 

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