नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस बात को रेखांकित किया है कि सैन्य साजोसामान के मामले में आत्म-निर्भर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के तालमेल की जरूरत बताई। नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन में सिंह ने कहा कि अभियानों में संयुक्त रूप से काम करना भविष्य में किसी भी युद्ध में अहम होगा और सैन्य कमानों का पुनर्गठन और थियेटर कमानों की स्थापना भी जरूरी है। भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में प्रामाणिक और प्रतिक्रियाशील मौजूदगी स्थापित की है। तीनों सेनाओं के बीच समन्वय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी है कि समुद्री थियेटर कमान पर अध्ययन को लेकर काफी प्रगति हुई है। योजना के अनुसार प्रत्येक थियेटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभियान कमांडर के नेतृत्व में एक इकाई के रूप में काम करेंगी। सरकार ने पिछले कुछ साल में भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने पर ध्यान दिया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वदेश निर्मित पहले विमानवाहक पोत विक्रांत का जलावतरण एक और ऐतिहासिक घटनाक्रम होगा। यह पोत अपने तीन समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर चुका है। जी जान से कोशिश करनी होगी ताकि इस पोत को हमारी आजादी के 75वें वर्ष में नौसेना में शामिल किया जा सके। यह आजादी का अमृत महोत्सव में अहम योगदान होगा। 41 जहाजों और पनडुब्बियों के ऑर्डर दिए गए हैं जिनमें से 39 भारतीय गोदियों में बनाये जा रहे हैं। नौसेना स्वदेशीकरण में अग्रणी रही है, वहीं हमें अभी तक प्राप्त सफलताओं को थामकर रखना होगा। मेरा वरिष्ठ पदाधिकारियों से अनुरोध है कि अपना ध्यान भविष्य को लेकर क्षमता विकास पर रखें ताकि देश की समुद्री ताकत हमारे आर्थिक हितों के साथ तालमेल करते हुए बढ़ेि उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता और समृद्धि सशस्त्र बलों पर निर्भर है। चार दिवसीय नौसेना कमांडर सम्मेलन की शुरुआत सोमवार सक हो गई है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस बात को रेखांकित किया कि सैन्य जरूरतों में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी: राजनाथ - राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के तालमेल की जरूरत बताई