नई दिल्ली । गर्मी बढ़ने और कोयला संकट से देश के कई राज्यों में लोगों को बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है। सरकारी आंकड़ों को देखें तो पिछले एक महीने में मांग और आपूर्ति में अंतर करीब 13 गुना बढ़ा है। इसी वजह से रिकार्ड आपूर्ति के बाद भी बिजली की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। हालात को देखते हुए, कोल इंडिया के चेयरमैन ने अपने कर्मचारियों को पत्र लिखकर हर हाल में कोयला आपूर्ति बढ़ाने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय भार प्रेषण केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, देश में एक अप्रैल को बिजली की उच्चतम मांग और आपूर्ति के बीच 810 मेगावाट की कमी थी। पर, महीने के आखिरी सप्ताह में यह कमी बढ़कर 10778 मेगावाट यानी 10.77 गीगावाट तक पहुंच गई। हालांकि, शनिवार को मांग और आपूर्ति के अंतर में कुछ कमी रही। शनिवार को व्यस्त समय में बिजली की मांग और आपूर्ति में अंतर 5.12 गीगावाट था। इसी वजह से कुछ राज्यों में कटौती थोड़ी कम हुई। बीते सप्ताह देश में बिजली की आपूर्ति रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची। सरकार के मुताबिक, 29 अप्रैल को 207.11 गीगावाट बिजली की आपूर्ति की गई जबकि मंगलवार को यह 201.65 गीगावाट थी। ऊर्जा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि गर्मी और औद्योगिक उत्पादन बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ी है। ऐसे में तापमान बढ़ता है, तो मांग एकदम फिर बढ़ेगी। इसलिए सरकार को थर्मल पावल प्लांट में कोयले की आपूर्ति को सुनिश्चित करना होगा क्योंकि मई में बिजली की मांग 215-220 गीगावाट तक पहुंच सकती है। इससे संकट और बढ़ेगा। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा है कि हमारी प्राथमिकता है कि बिजली की कमी के बीच थर्मल पावर प्लांट के पास घरेलू ईंधन का पर्याप्त भंडार हो। हमारा लक्ष्य ऊर्जा को कम से कम कीमत पर सुनिश्चित करने का होना चाहिए। पिछले वित्त वर्ष के प्रदर्शन से प्रेरणा लें और 70 करोड़ टन उत्पादन तथा उठान लक्ष्य को पार करें।
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रिकॉर्ड आपूर्ति के बाद भी संकट कोल इंडिया ने कोयला के लिए लिखा पत्र