नई दिल्ली । आसमान रहस्यों से भरा है. हम जितना इसे खंगालते हैं, यह उतना ही कुछ नया दिखाई देता है. शहरी चमक से रात में टिमटिमाते तारों के धूमल होने की वजह से जब हम किसी साफ और शांत जगह पर जाते हैं तो वहां आसमान तारों से भरा नजर आता है. इस समय एक दुर्लभ घटना आकाश में हो रही है. हमारे सौरमंडल के दो सबसे चमकदार ग्रह एक दूसरे के इतने करीब नजर आ रहे हैं मानो एकदूसरे के गले मिल रहे हैं.
ये दोनों ग्रह हैं- शुक्र और बृहस्पति. अगर आप भी तारों को निहारने के शौकीन हैं तो अभी भी मौका है, मत चूकिएगा क्योंकि अगली बार इस तरह का नजारा साल 2039 में ही देखने को मिलेगा. शुक्र और गुरू ग्रह वैसे तो एकदूसरे से करोड़ों मील की दूरी पर होंगे, लेकिन धरती से देखने पर ये एकदूसरे के बहुत करीब दिखेंगे. ऐसा इसलिए कि यह एक सीध में नजर आएंगे जिससे इनके पास-पास होने का अहसास होगा.
आमतौर पर हर साल यह घटना होती है लेकिन इस साल यह कुछ ज्यादा ही करीब नजर आएंगे. अगली बार इस तरह का नजारा 17 साल बाद देखने को मिलेगा. खास बात यह है कि इस नजारे को देखने के लिए किसी खास तरह के उपकरण की ज़रूरत नहीं होगी. आप आंखों से या दूरबीन की मदद से इसे देख सकते हैं. बस आसमान का साफ रहना जरूरी है. धीरे-धीरे ये दोनों ग्रह फिर एकदूसरे से दूर होते नजर आएंगे. सोसाइटी फॉर पॉप्युलर एस्ट्रोनॉमी के प्रमुख लूसी ग्रीन कहते हैं कि यह खगोलविदों के लिए एक महत्वपूर्ण और रोमांचक घटना है. साथ ही आम इंसानों के लिए भी इस तरह के नजारे को देखने का अच्छा अवसर है.
जब हमें दो ग्रहों के एकदूसरे के बहुत करीब नजर आने का अहसास होता है या धरती पर रात के आसमान में वह एकदूसरे को छूते हुए नजर आते हैं तो इसे ग्रहों का मेल कहा जाता है. ऐसा ही कुछ शुक्र और जुपिटर के साथ हो रहा है. धरती से देखने पर ये आसमान में एकदूसरे के करीब नजर आ रहे हैं. लेकिन असल में यह दोनों ग्रह अपनी कक्षा में एकदूसरे से करीब 430 मिलियन मील की दूरी पर होंगे.
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आकाश में दिखाई देगा शुक्र और गुरु का 'मिलन', - 17 साल बाद फिर दिखेगा ऐसा नजारा