YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

 यूपी में कांग्रेस लागू करेगी नया फार्मूला, संगठन की कमान संभाल सकते हैं एक से अधिक नेता 

 यूपी में कांग्रेस लागू करेगी नया फार्मूला, संगठन की कमान संभाल सकते हैं एक से अधिक नेता 

लखनऊ । अजय कुमार लल्लू के इस्तीफे के बाद से खाली पड़ी उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कुर्सी अभी तक खाली ही है। अब खबर है कि पार्टी यूपी में एक से ज्यादा नेताओं को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) की कमान सौंप सकती है। 13 मई से राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर शुरू हो रहा है। अध्यक्ष नहीं होने के चलते अब तक यह साफ नहीं है हो सका है कि बैठक में यूपी इकाई का कौन प्रतिनिधित्व करेगा। पिछले दिनों संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में महज 2 सीटें ही मिल सकी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार आने वाले हफ्तों में प्रदेश इकाई के अध्यक्ष को लेकर फैसला हो सकता है। इस बार पार्टी एक से ज्यादा नेता को प्रदेश का नेतृत्व सौंप सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया यूपी जैसे राज्य के लिए कोई भी एक व्यक्ति अकेले दोबारा तैयार होने की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकता। इसलिए नई संगठनात्मक व्यवस्था की जाएगी, ताकि जिम्मेदारी बट सके और पदों का क्रम भी बना रहे। यूपी में जातिगत चीजें भी हैं। इसके चलते समय लगा रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि पार्टी चिंतन शिविर से पहले नए प्रमुख का फैसला कर लेगी और अगर ऐसा नहीं होता है, तो नए संगठन व्यवस्था बनने तक कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होगा। 
पार्टी के एक वर्ग की तरफ से नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए कुछ नामों का सुझाव दिया गया है। इनमें पूर्व सांसद और रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट पीएल पुनिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और पार्टी के दो विधायकों में से एक वीरेंद्र चौधरी का नाम शामिल है। इसके अलावा कुछ लोगों ने बड़े पद के लिए आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम भी आगे किया है। कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा पिछले अध्यक्ष बहुत मेहनती थे और उन्होंने पहले कई मुश्किलों के बीच अपनी सीट जीती थी। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान कैडर को उनका नेतृत्व स्वीकार करने में परेशानी हुई। कैडर के गठन को लेकर बड़े-बड़े दावों के बावजूद नतीजे दिखाते हैं कि जमीन पर कोई भी नहीं था। अगर इन चीजों को बदलना है, तो केवल कैडर की तरफ से स्वीकार्य प्रमुख नेता की नहीं, बल्कि ऐसे लीडर की जरूरत है जो दूसरों को साथ लेकर चले और फैसले ले सके। 
 

Related Posts