नई दिल्ली । एयरपोर्ट पर क्षमता से दो गुना यात्री पहुंच जाएं तो क्या होगा? जाहिर है ऐसी स्थिति में एयरपोर्ट टर्मिनल के चारों तरफ मुसाफिरों की लंबी कतारे लग जाएंगी और अफरा-तफरी का माहौल भी हो सकता है। लेकिन, यदि हम हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात करें तो ऐसा नहीं है। न ही वहां मुसाफिरों की लंबी कतारें हैं और न ही अफरा-तफरी का माहौल है। ऐसा तब है जब आठ मिलियन क्षमता वाले हैदराबाद एयरपोर्ट से करीब 21 मिलियन मुसाफिरों का आवागमन हो रहा है।
ऐसा नहीं है कि हैदराबाद एयरपोर्ट में हमेशा से सबकुछ ठीक था, यह संभव हुआ है सीआईएसएफ के प्रयासों, बीते दो वर्षों में। हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का संचालन 2008 में करीब 12 मिलियन यात्री क्षमता वाले टर्मिनल के साथ हुआ था। समय के साथ मुसाफिरों की संख्या बढ़ती गई और मौजूदा टर्मिनल छोटा पड़ता गया। दो साल पहले एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले मुसाफिरों की संख्या 21 मिलियन को पार कर चुकी थी। ऐसी स्थिति में, एयरपोर्ट टर्मिनल में मुसाफिरों की भीड़ लगना लाजमी था और हुआ भी कुछ ऐसा ही।
टर्मिनल के बाहर और अंदर सुरक्षा जांच के लिए लंबी-लंबी कतारें लगना शुरू हो गईं। जब भी इन लंबी कतारों की बात हुई, जिम्मेदार अधिकारियों के पास टर्मिनल क्षमता और यात्रियों की संख्या के अनुपात का उलाहना तैयार रहा।
2020 तक हालात यहां तक पहुंच गए कि पीक आवर्स के दौरान टर्मिनल गेट पर एयर टिकट और पहचान सुनिश्चित करने जैसी छोटी प्रक्रिया में मुसाफिरों को 15 से 20 मिनट का इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, टर्मिनल के भीतर प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक प्वाइंट की बात करें तो मुसाफिरों को इस सुरक्षा जांच के लिए औसतन 45 मिनट तक का इंतजार करना पड़ता था।
टर्मिनल गेट से लेकर प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक प्वाइंट तक लगने वाली कतारों के चलते रोजाना मुसाफिरों को पीक आवर्स के दौरान न केवल एक से डेढ़ घंटा तक लंबी कतारों से जद्दोजहद से करने को मजबूर होना पड़ता, बल्कि न जाने कितने मुसाफिरों की फ्लाइट छूटने लगी। 2020 में सीआईएसएफ मुख्यालय ने देश के कुछ प्रमुख एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रमुखों में बदलाव किया। इसी बदलाव में हैदराबाद एयरपोर्ट भी शामिल था। हैदराबाद एयरपोर्ट ज्वाइन करने के बाद सीआईएसएफ के नए सुरक्षा प्रमुख ने इन लंबी कतारों की समस्या को खुद सुलझाने का प्रयास किया। सीआईएसएफ ने एयरपोर्ट ऑपरेटर जीएमआर के सहयोग से उन बिंदुओं पर काम करना शुरू किया, जिनकी मदद से इस समस्या का समाधान निकाला जा सके। प्रयास सफल हुए। क्राउड मैनेजमेंट की गुत्थी सुलझाने के लिए सीआईएसएफ के प्रयास सफल रहे।
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सीआईएसएफ ने सुलझाई हैदराबाद एयरपोर्ट पर दो करोड़ से अधिक मुसाफिरों के आवागमन की समस्या