नई दिल्ली । देश में जारी बिजली संकट के बीच केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। खबर है कि गृहमंत्री अमित शाह ने मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। खास बात है कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में बिजली की मांग में रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में कोयला की कमी की खबरें चिंताएं बढ़ा रही हैं। हाल ही में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने दावा किया था कि कोयला की गंभीर कमी बनी हुई है। इस बैठक में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद हैं। गृहमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई है, जब हीटवेव के बीच कई राज्य बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। जारी संकट पर दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था, 'पर्याप्त रेलवे रैक उपलब्ध नहीं होने से कोयला की गंभीर कमी है और अगर पॉवर प्लांट बंद किए गए तो बिजली सप्लाई करने में परेशानी आ सकती है।' आंकड़े बताते हैं कि बिजली की मांग 13.2 फीसदी बढ़कर 135 बिलियन किलोवॉट पर पहुंच गई है। उत्तर भारत में बिजली की जरूरत में 16 फीसदी और 75 फीसदी के बीच इजाफा हुआ है। दिल्ली सरकार के दावे पर केंद्रीय मंत्री सिंह ने भी पलटवार किया था। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए थे। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री के नाम लिखे पत्र में उन्होंने लोगों को गुमराह करने पर दुख जताया था। जैन ने कुछ एनटीपीसी स्टेशन में कोयला स्टॉक की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी। इसके जवाब में सिंह ने कहा था कि आंकड़े सही नहीं हैं।
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बिजली संकट पर एक्शन मोड में सरकार अमित शाह ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक