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मान सरकार के बनने के बाद से पंजाब में 20 किसानों ने आत्महत्या  सीएम और कोई विधायक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा 

मान सरकार के बनने के बाद से पंजाब में 20 किसानों ने आत्महत्या  सीएम और कोई विधायक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा 

नई दिल्ली । भाजपा ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर किसानों से धोखा करने का आरोप लगाकर कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधानसभा चुनाव से पहले कहते थे कि यदि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तब 1 अप्रैल के बाद पंजाब में कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा। लेकिन उनके वादे के उलट पंजाब में किसानों की हालत खराब हो रही है। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद राजकुमार चाहर ने पंजाब की मान सरकार पर निशाना साधकर कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की मान सरकार को बने हुए डेढ़ महीने से ऊपर हुआ हैं, और 1 अप्रैल के बाद से अभी तक पंजाब में विभिन्न जिलों में 20 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन किसानों की हितैषी होने के बड़े-बड़े दावे करने वाली आप की सरकार ने या उनके किसी नेता ने इन पीड़ित किसान परिवारों को मुआवजा देना, तब दूर उनकी सुध तक नहीं ली। पीड़ित परिवारों के घर पर मान या उनके विधायक अभी तक नहीं गए हैं।
चाहर ने पंजाब के भटिंडा में आत्महत्या करने वाले किसानों के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए हर संभव सहायता देने का वायदा किया। चाहर ने आत्महत्या करने वाले रमनदीप सिंह एवं जगदीप सिंह के परिवार की दयनीय स्थिति को देखकर अपने व्यक्तिगत सहयोग से दोनों के परिवारों को 50-50 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की।
चाहर ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसान नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध में एक साल से भी ज्यादा समय तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर बैठे रहे, लेकिन किसी भी किसान भाई के ऊपर केंद्र की मोदी सरकार ने लाठी नहीं बरसाई, हमेशा किसान संगठनों के नेताओं को बुलाकर उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन जब पंजाब में उन्हीं किसान भाइयों द्वारा अपनी खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग की गई, तब मान सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठियां बरसा दीं, जिसमें कई किसान बुरी तरह घायल हुए हैं। इसके बाद किसानों को सम्मन भेजे गए, जिससे किसान बुरी तरह डरे हुए हैं। चाहर ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले, किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों से मेरा सवाल है, कि पंजाब में हो रही किसानों की आत्महत्याओं पर आप सरकार को कब कटघरे में खड़ा करेंगे?
 

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