नई दिल्ली । राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ तैयारियों में जुटे विपक्षी समूह को झटका लग सकता है। खबर है कि दो गैर-भाजपा शासित राज्यों की पार्टियां सरकार के खिलाफ नहीं जाना चाहती हैं। हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि भाजपा की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा से पार्टियों के अंतिम फैसले पर असर हो सकता है। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी भाजपा को चुनौती देने के प्रयास में विपक्ष के साथ आने में अनिच्छुक हैं।विपक्षी दलों के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जिन नेताओं ने पार्टी से बात की उन्होंने पाया कि वे भाजपा के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं। अखबार के अनुसार, विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'वे सत्तारूढ़ दल के साथ किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते और न ही किसी तरह की सियासी बयानबाजी करने में उनकी दिलचस्पी है। दोनों ने कहा है कि उन्होंने सरकार समर्थक या विरोधी कहे जा रहे गठन से खुद को दूर रखा है और वे अपने इस मत पर बने रहना चाहते हैं।' कमजोर होती जा रही कांग्रेस विवाद के बीच में नजर आ रही है, क्योंकि कई क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस को मुखिया बनाने के खिलाफ है। वहीं, कांग्रेस को उन पार्टियों का समर्थन है, जो उनकी मदद से राज्यों में सरकार चला रही हैं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि वाईएसआरसीपी और बीजेडी सत्तारूढ़ के नॉमिनी का समर्थन करना भी हैरानी की बात नहीं होगी।
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राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को झटका