बेंगलुरु । कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शीर्ष नेतृत्व काफी गंभीर है यहां 150 सीटों पर जीतने का लक्ष्य रखा है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 108 सीट मिली थी। भाजपा को पूरी उम्मीद है कि वह एक बार फिर सत्ता में आएगी। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार पार्टी के बड़े नेता राज्य का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह सोमवार देर रात एक बार फिर बेंगलुरु पहुंचे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार उनका दौरा राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की अटकलों के बीच हो रहा है।
शाह के बेंगलुरु पहुंचने पर उनकी आगवानी एचएएल हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई, उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अन्य की ने की। शाह ने पिछली बार कर्नाटक का दौरा एक अप्रैल को किया था और प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया था। उस दौरान पार्टी के लिए लक्ष्य तय किया गया था और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के तरीके और अन्य दलों के नेताओं को शामिल करने पर चर्चा की गई थी। विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले हो रहे शाह के इस दौरे को मोटे तौर पर आधिकारिक दौरा ही माना जा रहा है। इस दौरे में शाह द्वारा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा सहित अन्य नेताओं से मिलकर पार्टी की चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने की संभावना है।
खबरों के मुताबिक, नेता बोम्मई के आवास पर दोपहर के भोजन पर मिलेंगे और उसके बाद शाम को पार्टी के राज्य मुख्यालय में नेताओं की मुलाकात होगी। येदियुरप्पा ने शिमोगा में संवाददाताओं से कहा, ‘वह (अमित शाह) आ रहे हैं। मैं उनसे मुलाकात करूंगा। वह राज्य की राजनीतिक स्थिति जानने की कोशिश करेंगे। राज्य में चुनाव होने हैं, प्रधानमंत्री और अमित शाह ने कर्नाटक को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। वह संभवत: 150 सीटों के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सुझाव देंगे जो हमने अगले विधानसभा चुनाव के लिए तय किया है।’
शाह के मंगलवार को ‘खेलो इंडिया’ विश्वविद्यालय खेल में सम्मान समारोह में शामिल होने सहित कई कार्यक्रम निर्धारित है। वह 12वीं सदी के समाज सुधारक व लिंगायत संत बसवन्ना को भी बसावा जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में लिंगायत को प्रभावशाली समुदाय और भाजपा का मजबूत वोट बैंक माना जाता है। माना जा रहा है कि बोम्मई पर विधानसभा चुनाव से पहले अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने या विस्तार करने को लेकर दबाव है और उन्होंने पहले ही संकेत दिया है कि शाह के इस दौरे के दौरान वह इस मुद्दे पर चर्चा करने की कोशिश करेंगे।
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कर्नाटक में संभावित नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच शाह बेंगलुरु पहुंचे