दमिश्क । सीरिया के तानाशाह शासक बशर अल असद अपने खजाने को भरने के लिए जिस अनैतिक रास्ते पर चल रहे है उसकी आलोचना हो रही है। इस बीच कुछ सालों से उनका नाम एक ऐसे मामले से जुड़ रहा है, जिससे उनकी छवि पर गहरा दाग लगा है। दरअसल उन पर आरोप है कि उन्होंने सीरिया में जिस नशे की गोली कैप्टागेन के कारोबार को बढ़ावा दिया है, जिसने उन्हें तो मालामाल किया है, लेकिन एक युवा पीढ़ी को धीरे धीरे मौत की तरफ धकेल दिया है। कई सालों तक इसका इस्तेमाल पश्चिमी देशों में अवसाद यानी डिप्रेशन के लिए किया जाता रहा। हालांकि बाद में जब इसके नशे की क्षमता सामने आई तो इस पर रोक लगा दी गई। कुछ साल पहले तक ही, ये माना जा रहा था कि इसका उत्पादन कथित चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की आमदनी का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसलिए इसे मिडिल ईस्ट में ‘ड्रग ऑफ टेरेरिस्ट’ का नाम दिया गया। एक मीडिया एक रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया के ताकतवर राष्ट्रपति बशर अल असद खुले आम इस नशे की गोली कैप्टागेन का प्रोडक्शन कराने के साथ उसकी बिक्री को बढ़ावा दे रहे हैं। असद नशे के इस अवैध कारोबार के जरिए एक समृद्ध इलाके को नार्को स्टेट में बदल रहे हैं।
इस मामले की पड़ताल कुछ और संगठनों ने भी की है। उनके मुताबिक ये ड्रग सीरिया का मुख्य एक्सपोर्ट बन गई है। आपको बता दें कि सीरिया की सरकार की ड्रग्स में संलिप्तता को लेकर अमेरिकी थिंक टैंक न्यूलाइन इंस्टिट्यूट के अलावा जॉर्डन, इटली समेत कई देशों के कोस्टगार्ड की रिपोर्टों के अलावा मीडिया की रिपोर्टों, सेंटर फॉर ऑपरेशनल एनालिसिस एंड रिसर्च (सीओएआर) और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआर), ये सभी संगठन भी सीरिया की भूमिका पर सवाल उठाते रहे हैं। इनकी जांच में पता चला है कि बशर अल असद के कई खास लोग इस काली कमाई के खेल में शामिल हैं। जिनमें उनका छोटा भाई माहेर अल असद भी है जो सीरियाई सेना की चौथी डिविजन का कमांडर है। सीरिया की सरकार ने कई बार कैप्टगॉन के उत्पादन से जुड़े होने का खंडन किया है और कहा है कि जो भी रिपोर्टें इस बारे में प्रकाशित हुई हैं वो सभी झूठ हैं। पिछले साल दिसंबर में सीरिया के गृहमंत्री ने फेसबुक पर लिखा था, ‘सीरिया अपराध से लड़ने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का समर्थन करता है, खासकर ड्रग तस्करी के खिलाफ।
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मालामाल होने नशीली 'कैप्टागेन' गोली को बढ़ावा दे रहे सीरिया के तानाशाह