नई दिल्ली । गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल को लेकर बीते कई दिनों से कयास तेज हैं। कभी उनके भाजपा में जाने की चर्चाएं होती हैं तो कभी आम आदमी पार्टी में शामिल होने के भी कयास लगते हैं। पार्टी में साइडलाइन महसूस करने वाले हार्दिक पटेल को लेकर कहा जा रहा है कि बीते कुछ दिनों में उनकी नाराजगी और बढ़ गई है। इसकी वजह दलित समुदाय के नेता जिग्नेश मेवानी को कांग्रेस की ओर से मिला समर्थन है। पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर किए गए ट्वीट के मसले में असम पुलिस ने मेवानी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एक और केस में वह जेल में थे, लेकिन जब रिहा हुए तो कांग्रेस ने दिल्ली बुलाकर उनका स्वागत किया। यही नहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के मंच से जिग्नेश मेवानी ने भाजपा पर सीधा हमला बोला। सूत्रों के मुताबिक हार्दिक पटेल को लगता है कि इसे मेवानी को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा मिल रही है, जबकि कांग्रेस ने कभी भी उनका इस तरह से खुलकर समर्थन नहीं किया था। पाटीदार आंदोलन के चलते हार्दिक पटेल पर भी गुजरात सरकार ने कई केस किए थे, लेकिन कांग्रेस की ओर से उन्हें उतना समर्थन नहीं मिला। यहां तक कि वह भले ही गुजरात कांग्रेस के सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी में एंट्री के बाद से ही ठंडे बस्ते में हैं। उन्हें न तो कोई जिम्मेदारी मिली है और न ही मंच साझा करने का मौका मिल पाता है। हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाओं ने सोमवार से और जोर पकड़ लिया है। इसकी वजह यह है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस हटा दिया है। इस बारे में बात करने पर हार्दिक पटेल ने कहा, 'मैं अब भी कांग्रेस में हूं। लेकिन पार्टी सही से मेरा इस्तेमाल नहीं करती है तो फिर मैं आगे विचार भी कर सकता हूं।' कहा जा रहा है कि हार्दिक पटेल की एंट्री के बाद से ही कांग्रेस की स्टेट लीडरशिप सहज नहीं है और उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाती। इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और उसे लेकर भी कांग्रेस बहुत सक्रिय नहीं है। ऐसे में हार्दिक पटेल यह भी कह चुके हैं कि भाजपा बेहद मजबूत है और उसकी तैयारी अच्छी है।
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जिग्नेश मेवानी को कांग्रेस के समर्थन ने हार्दिक पटेल के गुस्से की आग में डाला घी छोड़ सकते हैं पार्टी